ब्रिटेन (UK) में काम और पढ़ाई की इच्छा रखने वाले भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. G20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिलने के कुछ घंटों बाद ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने भारतीय युवाओं को यूके (UK) में काम करने के लिए हर साल तीन हजार वीजा जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 10 डाउनिंग स्ट्रीट के मुताबिक, ये योजना 18 से 30 साल के शिक्षित भारतीय नागरिकों को एक पेशेवर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भाग लेने का अवसर प्रदान करेगी.
2023 में शुरू होगी योजना
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय (UK PMO) ने अपने एक बयान में कहा है कि भारत इस तरह की योजना से लाभान्वित होने वाला पहला वीजा-राष्ट्रीय देश है, जो ब्रिटेन-इंडिया माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप की ताकत को उजागर करता है. इस योजना के तहत शिक्षित भारतीय नागरिकों को ब्रिटेन में आकर रहने और दो साल तक काम करने के लिए वीजा देने की पेशकश की गई. ये योजना अगले साल 2023 की शुरुआत में शुरू होगी और पारस्परिक आधार पर होगी.
Today the UK-India Young Professionals Scheme was confirmed, offering 3,000 places to 18–30 year-old degree educated Indian nationals to come to the UK to live and work for up to two years. pic.twitter.com/K6LlSDLne4
— UK Prime Minister (@10DowningStreet) November 16, 2022
मंगलवार को मिले थे पीएम मोदी और ऋषि सुनक
इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच मंगलवार को मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के कुछ घंटों बाद ही ब्रिटेन ने भारतीय युवाओं को वीजा देने के फैसले को हरी झंडी दिखा दी. पिछले महीने भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के पद संभालने के बाद ये उन दोनों की पहली बैठक थी.
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आपको बता दें कि बीते दिनों एक बयान में सुनक ने कहा था कि मैं प्रत्यक्ष रूप से भारत के साथ हमारे गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के अविश्वसनीय मूल्य को जानता हूं. उन्होंने कहा था कि मुझे खुशी है कि भारत के और अधिक प्रतिभावान युवाओं को अब ब्रिटेन में जीवन का वो सब कुछ अनुभव करने का अवसर मिलेगा, जो हमारी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों को समृद्ध बनाता है.
गौरतलब है कि ब्रिटेन में तकरीबन एक चौथाई अंतरराष्ट्रीय छात्र भारत के हैं और भारतीय निवेश से यूके में 95 हजार रोजगार का सृजन होता है.इस फैसले के बाद भारत और ब्रिटेन के रिश्ते और अधिक गहरे होंगे.
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