शेख हसीना (फाइल फोटो)
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अभी तक शेख हसीना के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है. शेख हसीना पर छात्र प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार होने का आरोप है.
बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के मुख्य अभियोक्ता ताजुल इस्लाम ने बताया कि अभियोजन पक्ष द्वारा शेख हसीना और उनकी पार्टी के सहयोगियों की गिरफ़्तारी की मांग करने वाली दो याचिकाएँ दायर करने के बाद आईसीटी का यह आदेश आया है. हसीना के साथ-साथ अधिकारियों को पूर्व मंत्रियों ओबैदुल कादर, असदुज्जमां खान कमाल, हसन महमूद और अनीसुल हक को 18 नवंबर तक अदालत के सामने पेश करने के लिए कहा गया है.
शेख हसीना का रद्द किया जाएगा राजनयिक पासपोर्ट
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व कैबिनेट के अन्य सदस्यों के राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का फैसला किया है. शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हुई हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए. ताजुल इस्लाम ने यह भी बताया कि हसीना समेत भगोड़ों को वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद ली जाएगी, क्योंकि अभी भी कई मामले सुलझने बाकी हैं. शेख हसीना बांग्लादेश से भागने के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखी गई हैं. माना जाता है कि वह भारत की राजधानी नई दिल्ली के पास एक सैन्य एयरबेस पर हैं.
अपने गलत कामों के लिए माफी मांगे हसीना
जैसे ही उनका शासन खत्म हुआ, कई मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में एक कार्यवाहक सरकार बनाई गई। एक भीड़ को संबोधित करते हुए यूनुस ने दावा किया कि हसीना ने बांग्लादेश के एक बड़े हिस्से का शोषण किया और देश को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हसीना अपनी धरती पर वापस आएं और अपने गलत कामों के लिए माफी मांगें.
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