पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ
पाकिस्तान में गिलगित बाल्टिस्तान के जाटियाल शहर में निजी विज्ञापन बोर्डों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के कारण व्यापारियों के साथ टकराव की स्थिति बन गई है. व्यापारियों ने दावा किया है कि ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले उन्हें सूचित नहीं किया गया था या किसी भी रूप में नोटिस नहीं किया गया था, वहीं स्थानीय प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है.
सरकार अब पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतर आई है
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, गिलगित बाल्टिस्तान में प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाते हुए व्यापारियों ने जब्ती अभियान को तत्काल रोकने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि प्रशासन उनके जब्त बोर्डों को वापस करने के लिए असाधारण रूप से बड़ा जुर्माना लगा रहा है.
कार्रवाई की आलोचना करते हुए एक व्यापारी ने कहा, “सरकार अब पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतर आई है और वे हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, उन्होंने इन कार्यों से पहले हमें कोई नोटिस नहीं दिया. जब्त किए गए प्रत्येक बोर्ड की कीमत हमें 70 से 80 डॉलर है. अगर हमें नोटिस दिया गया होता तो हम खुद ही ये सारे बोर्ड हटा देते.”
दुकानों के बोर्ड भी उतारे
व्यापारी ने आगे कहा कि “इनमें से अधिकतर बोर्ड सरकारी संपत्ति पर भी नहीं लगाए गए थे; वे हमारी ही दुकानों में थे.व्यापारी ने कहा कि वे कह रहे हैं कि ये बोर्ड बिना एनओसी सर्टिफिकेट के हैं, लेकिन ये सभी सर्टिफिकेट उनकी जमीन पर नहीं थे, ये हमारी दुकानों में थे. इसलिए इन्हें हटाना पूरी तरह से गैरकानूनी है.”
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व्यापार करने से रोक रहा प्रशासन
एक अन्य व्यापारी ने शिकायत की कि जो बोर्ड वे मेरी दुकान से ले गए थे वह उनका नहीं था, उन्होंने कहा कि यह उनकी जमीन पर भी नहीं था. मैंने विशेष रूप से अपनी दुकान के ऊपर तख्ती लगा दी थी. यह किस तरह की स्थिति है? वे अब हमें अपनी दुकानों में अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने से रोक रहे हैं. कल, वे कहेंगे कि हम अपनी दुकानें नहीं खोल सकते.
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