बेरोजगारी का खतरा
China Unemployment: चीन में बेरोजगारी का संकट मंडरा रहा है. जिससे चीन को सामाजिक अस्थिरता की ओर बढ़ना पड़ रहा है. जिओ-पॉलिटिक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में युवा बेरोजगारी दर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने वाली है, जिसकी वजह से चीन को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. चीन में शून्य कोविद नीति का विनाशकारी असर देखने को मिला है. जिसके चलते चीन में लोन लेने की समस्या और धीमी वैश्विक वृद्धि जैसी अलग-अलग चुनौतियां सामने आ रही हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में युवा लगातार बेरोजगारी की तरफ बढ़ता जा रहा है, जो की एक चिंता का विषय है. आकंड़ों के मुताबिक, 11.58 मिलियन छात्रों ने इस साल विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है.
जुलाई के महीने में पहुंची थी सबसे ज्यादा बेरोजगारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के शहरों में रहने वाले 16 से 24 साल की उम्र के युवाओं में बेरोजगारी दर फरवरी महीने में 18.1 प्रतिशत था, जो मार्च में बढ़कर 19.6 प्रतिशत हो गया. दरअसल पिछले साल जुलाई में बेरोजगारी का सबसे ज्यादा 19.9 प्रतिशत तक पहुंच गई थी. जियो-पॉलिटिक की रिपोर्ट के अनुसार, युवाओं के लगातार बेरोजगार होने के पीछे की वजह धीमी काम की रफ्तार और एक कमजोर आईटी क्षेत्र दो ताकतें हो सकती हैं. हालांकि सामाजिक गतिशीलता के बारे में चिंताएं कुछ चीनी युवाओं को करियर और परिवार के बारे की सामाजिक अपेक्षाओं के खिलाफ जाने के लिए प्रेरित कर रही हैं.
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फ्लैट की किस्त नहीं भर पा रहे हैं युवा
वहीं, एक मामला “लिविंग फ्लैट” का आंदोलन है, जो एक लंबी अवधि के इनाम के लिए कड़ी मेहनत करने के बजाय न्यूनतम करने को प्रोत्साहित करता है, जिसकी कुछ गारंटी नहीं है. कुछ चीनी युवा अपनी सैलरी से फ्लैटों की किस्त भी नहीं भर पा रहे हैं और खुद को “मूनलाइट क्लान” कहते हैं. चीन के युवाओं को अब अपने फ्लैटों की किस्तों को चुकाने के लिए विदेश जाना पड़ रहा है. जिससे वह अपनी किस्तों को समय से भर पाएं. विश्लेषकों का मानना है कि अस्थिर युवा बेरोजगारी सामाजिक स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू बिक्री में गिरावट, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव की वजह से एप्पल जैसे अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड “मेड इन चाइना” को कम करने और उत्पादन को चीन से बाहर करने के लिए मजबूर हैं. चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिकी सरकार के कदम ने कम्युनिस्ट पार्टी की तकनीकी महत्वाकांक्षाओं को भी प्रभावित किया है, क्योंकि चीनी निर्माताओं को सबसे उन्नत सिलिकॉन चिप्स बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक तक पहुंच से वंचित कर दिया गया है.
– भारत एक्सप्रेस
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