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अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ने मुस्लिम और अरब विरोधी नफरत से निपटने के लिए बनाई नई योजना

हामास के 7 अक्टूबर के हमलों के बाद से अमेरिकी विश्वविद्यालयों और समुदायों में तनाव काफी बढ़ गया है. मानवाधिकार संगठनों ने यहूदी विरोधी, इस्लामोफोबिया और अरब विरोधी नफरत में तेजी आने की चेतावनी दी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मुस्लिम और अरब समुदायों के खिलाफ बढ़ती नफरत और भेदभाव से निपटने के लिए एक नई रणनीति पेश की है. यह कदम इजराइल-गाजा संघर्ष के बाद बढ़े तनाव और घृणा अपराधों के मद्देनजर उठाया गया है. गुरुवार को जारी 64 पन्नों की इस रिपोर्ट में भेदभाव को खत्म करने और समानता को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयासों की मांग की गई है.

यह रणनीति ऐसे समय में आई है जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की चर्चा हो रही है. ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में कुछ मुस्लिम बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, जिसे बाइडेन ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही हटा दिया था.

बाइडेन ने क्या कहा

बाइडेन ने इस रिपोर्ट के प्रस्‍तावना में 2023 में मारे गए छह वर्षीय फिलिस्तीनी-अमेरिकी बच्चे वादिया अल-फयूमे का जिक्र किया. उन्होंने इसे दर्दनाक और अमानवीय घटना करार दिया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम और अरब समुदायों के खिलाफ बढ़ते घृणा, हमले और भेदभाव अस्वीकार्य हैं

बाइडेन ने लिखा, “मुस्लिम और अरब समुदायों को गरिमा के साथ जीने और पूर्ण अमेरिकी नागरिक के अधिकारों का आनंद लेने का हक है. भेदभावपूर्ण नीतियां न केवल समुदायों को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि हमारी सुरक्षा को भी कमजोर करती हैं.”

मुस्लिम अधिकार संगठन CAIR की मांग

यह नई योजना 2023 में यहूदी विरोधी नफरत से निपटने के लिए पेश की गई रणनीति जैसी ही है. हालांकि, प्रमुख मुस्लिम अधिकार संगठन- काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (CAIR) ने इस रणनीति को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि यह कदम बहुत देर से उठाया गया है. संगठन ने प्रशासन से फेडरल वॉचलिस्ट और नो-फ्लाई लिस्ट को हटाने की मांग की है, जो उनके अनुसार, अरब और मुस्लिम अमेरिकियों को अनुचित रूप से निशाना बनाती हैं.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने अभी तक इस नई योजना पर कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि, हाल ही में उन्होंने इजराइल के अधिकारों को चुनौती देने वालों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और “यहूदी विरोधी” माने जाने वाले विदेशी छात्रों के वीजा रद्द करने की योजना का संकेत दिया था.

मानवाधिकार संगठनों ने दी चेतावनी

हामास के 7 अक्टूबर के हमलों के बाद से अमेरिकी विश्वविद्यालयों और समुदायों में तनाव काफी बढ़ गया है. मानवाधिकार संगठनों ने यहूदी विरोधी, इस्लामोफोबिया और अरब विरोधी नफरत में तेजी आने की चेतावनी दी है.

-भारत एक्सप्रेस



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