(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)
Wholesale Price Index: थोक मूल्य सूचकांक (WPI) या थोक महंगाई दर दिसंबर 2024 में 2.37 प्रतिशत रही है. नवंबर में यह 1.89 प्रतिशत थी. यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार (14 जनवरी) को जारी किए गए डेटा से मिली.
मंत्रालय के अनुसार, थोक महंगाई दर के सकारात्मक रहने की वजह खाद्य उत्पादों की कीमत बढ़ना और टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की लागत में इजाफा होना है. दिसंबर 2023 में थोक महंगाई दर 0.73 प्रतिशत थी.
खाद्य पदार्थों की कीमत
दिसंबर 2024 में प्राथमिक वस्तुओं के सूचकांक में नवंबर 2024 के मुकाबले 2.07 प्रतिशत की कमी आई है. इसकी वजह महीने के दौरान खाद्य पदार्थों की कीमत में -3.08 प्रतिशत और कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमत में -2.87 प्रतिशत की गिरावट होना है.
नवंबर 2024 के मुकाबले दिसंबर 2024 में ईंधन और बिजली सूचकांक में 1.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. दिसंबर महीने के दौरान बिजली और कोयले की कीमत में क्रमश: 8.81 प्रतिशत और 0.07 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई. हालांकि, पिछले महीने के मुकाबले दिसंबर में खनिज तेलों की कीमत में -0.06 प्रतिशत की कमी आई.
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स इंडेक्स
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स इंडेक्स, जिसकी डब्ल्यूपीआई में हिस्सेदारी 64 प्रतिशत से अधिक है, दिसंबर में नवंबर के समान ही रहा. मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स के 22 समूहों में से 11 समूहों में कीमतों में वृद्धि देखी गई, 9 समूहों में कीमतों में कमी देखी गई और दो समूहों में कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया.
प्राथमिक वस्तु समूह की ‘खाद्य वस्तुएं’ और मैन्युफैक्चरिंग उत्पाद समूह के ‘खाद्य उत्पाद’ से बना खाद्य सूचकांक नवंबर में 8.92 प्रतिशत से घटकर दिसंबर में 8.89 प्रतिशत हो गया. इस सूचकांक की डब्ल्यूपीआई में हिस्सेदारी 24.38 प्रतिशत है.
दिसंबर में खुदरा महंगाई दर चार महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई है. नवंबर में यह 5.48 प्रतिशत थी. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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