
खजाने में चमकता सोना.

हाइलाइट्स:
- साहसिक कदम प्रस्तावित: अमेरिका अपने विशाल Gold Reserves का उपयोग बिटकॉइन खरीदने के लिए कर सकता है.
- बिटकॉइन एक्ट 2025 प्रस्तुत: सिन्थिया लुमिस, सीनेटर, ने पांच वर्षों में 1 मिलियन बिटकॉइन खरीदने का प्रस्ताव रखा.
- तीन कानूनी रास्ते पहचाने गए: कांग्रेस, एक्सचेंज स्टेबिलाइजेशन फंड और गोल्ड रीवैल्यूएशन से बिटकॉइन खरीदने का रास्ता निकल सकता है.
- “बजट-न्यूट्रल” स्ट्रेटजी: इस योजना में मूल्य पुनर्मूल्यांकन से प्राप्त अप्रकट लाभ का उपयोग किया जाएगा, जिससे अतिरिक्त बजट आवंटन से बचा जा सके.
- वैश्विक राजनीतिक परिवर्तन: अमेरिका वैश्विक बिटकॉइन सुपरपावर बनने का लक्ष्य रखता है, जिससे क्रिप्टो नेतृत्व को पुनः आकार दिया जा सकता है.
US Gold Reserves : एक ऐतिहासिक और विवादास्पद प्रस्ताव के तहत, व्हाइट हाउस अमेरिका की Gold Reserves का एक हिस्सा बिटकॉइन खरीदने के लिए बेचने पर विचार कर रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के डिजिटल एसेट्स पर राष्ट्रपति के सलाहकारों की परिषद के कार्यकारी निदेशक बो हाइनस ने इस योजना की पुष्टि की, जो ट्रम्प के नए-से-हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश का हिस्सा है, जिसके तहत एक स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व (SBR) स्थापित किया जाएगा. यह पहली बार है जब बिटकॉइन को औपचारिक रूप से एक संप्रभु रिजर्व संपत्ति के रूप में माना जा रहा है.

अब ही क्यों?
अमेरिका के पास लगभग 8,133 टन सोना है, जिसका मूल्य $860 बिलियन से अधिक है — यह वैश्विक सबसे बड़ी सोने की रिजर्व है. हाइनस का कहना है कि इन रिजर्व्स के अप्रकट लाभ का उपयोग “बजट-न्यूट्रल” तरीके से बिटकॉइन में निवेश करने का एक तरीका हो सकता है, खासकर तब जब क्रिप्टोकरेंसी की वैश्विक प्रासंगिकता बढ़ रही हो. ट्रम्प का उद्देश्य अमेरिका को एक “बिटकॉइन सुपरपावर” बनाना है और उभरती हुई डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में अमेरिका की नेतृत्व की स्थिति को मजबूत करना है.
यह कब शुरू हुआ था?
यह योजना ट्रम्प के हालिया कार्यकारी आदेश के बाद शुरू की गई थी, और यह बिटकॉइन एक्ट 2025 के तहत सक्रिय रूप से चर्चा में है, जिसे सिन्थिया लुमिस (R-Wyoming) ने प्रस्तुत किया. इस अधिनियम का सुझाव है कि अमेरिका पांच वर्षों में 1 मिलियन बिटकॉइन खरीदे, जो वैश्विक बिटकॉइन आपूर्ति का लगभग 5% होगा.
यह कहां होगा?
रणनीतिक रूप से, यह नीति प्रमुख संस्थाओं जैसे अमेरिकी ट्रेजरी, फोर्ट नॉक्स और एक्सचेंज स्टेबिलाइजेशन फंड को प्रभावित कर सकती है, जिसे 1934 के गोल्ड रिजर्व एक्ट के तहत स्थापित किया गया था. इन संस्थाओं के पास सोने को बिटकॉइन में बदलने की प्रक्रिया संभालने की संभावना हो सकती है.
यह पहल कौन चला रहा है?
इस पहल का नेतृत्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, तकनीकी उद्यमी डेविड सैक्स और सरकारी सलाहकार बो हाइनस द्वारा किया जा रहा है, और इसे सीनेटर सिन्थिया लुमिस से विधायी समर्थन मिल रहा है. ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट को इस प्रकार की खरीदारी की स्वीकृति देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसमें सोने के प्रमाणपत्रों का पुनर्मूल्यांकन और क्रिप्टो फर्मों के साथ रणनीतिक साझेदारी शामिल हो सकती है.
यह कैसे काम करेगा? इसमें तीन प्रस्तावित तरीके हैं:
कांग्रेस का अप्रूवल: बिटकॉइन एक्ट के माध्यम से.
एक्सचेंज स्टेबिलाइजेशन फंड का उपयोग: सोने को बिटकॉइन या बिटकॉइन से संबंधित क्रेडिट उपकरणों में बदलने के लिए.
गोल्ड सर्टिफिकेट्स का पुनर्मूल्यांकन: $42/औंस से बाजार स्तर ($3,000/औंस) तक, जिससे $700 बिलियन से अधिक की राशि प्राप्त हो सकती है, जिसे बिटकॉइन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
कुल मिलाकर, यह अभूतपूर्व प्रस्ताव देशों के डिजिटल संपत्तियों के दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल सकता है. पारंपरिक रिजर्व जैसे सोने से मूल्य को बिटकॉइन में पुनर्निर्देशित करके, अमेरिका वैश्विक क्रिप्टो अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है. हालांकि, यह कदम बिटकॉइन की अस्थिरता को देखते हुए जोखिम के बिना नहीं है. यदि लागू किया जाता है, तो यह रणनीति अमेरिकी वित्तीय नीति में एक ऐतिहासिक परिवर्तन को चिह्नित करेगी — और बिटकॉइन के नेतृत्व में डिजिटल वित्तीय युग की शुरुआत होगी.
सोने को बेचकर बिटकॉइन खरीदने का प्रभाव क्या होगा?
सोने को बेचकर बिटकॉइन खरीदने का प्रस्ताव सोने की कीमतों पर दबाव डाल सकता है, जिससे संभावित अधिशेष आपूर्ति के डर के कारण सोने की पारंपरिक सुरक्षित-संपत्ति स्थिति पर सवाल उठ सकते हैं.
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