Bharat Express

WHO: मलेरिया की रोकथाम के लिए डब्ल्यूएचओ ने नए टीके को दी मंजूरी, एसआईआई ने कहा- वैश्विक स्तर पर रोल-आउट का रास्ता खुला

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि WHO ने मलेरिया के टीके को मंजूरी दी है, जिससे दुनिया के दूसरे ऐसे टीके के लिए वैश्विक स्तर पर रोल-आउट का रास्ता खुला है.

WHO ने मलेरिया के नए टीके को दी मंजूरी

WHO ने मलेरिया के नए टीके को दी मंजूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों में मलेरिया की रोकथाम के लिए नए टीके को मंजूरी दी है. नए टीके R21/Matrix-M को मंजूरी दिए जाने की जानकारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के जरिए दी गई है. डब्ल्यूएचओ की तरफ से टीके को मंजूरी टीकाकरण पर विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह और मलेरिया नीति सलाहकार समूह की सलाह के बाद दी गई है. डब्ल्यूएचओ के डीजी ने 25-29 सितंबर को आयोजित की गई द्विवर्षीय बैठक के बाद इस टीके का समर्थन किया था.

डब्ल्यूएचओ ने कही ये बात

डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि WHO ने एसएजीई की सलाह पर डेंगू और मेनिन्जाइटिस के लिए नए टीकों के साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम और कोरोना के लिए उत्पाद सिफारिशें भी जारी की हैं. डब्ल्यूएचओ ने पोलियो, आईए 2030 और मुख्य टीकाकरण से जुड़े कार्यक्रमों की सिफारिशें भी शामिल हैं, जिन्हें जारी किया गया है.

मलेरिया के टीकों की मांग अभूतपूर्व है

विज्ञप्ति में कहा गया है कि मच्छर जनित बीमारी मलेरिया अफ्रीकी क्षेत्र में बच्चों पर विशेष रूप से अधिक बोझ डालती है, जहां हर साल लगभग पांच लाख बच्चे इस बीमारी से मर जाते हैं. इसमें कहा गया है कि मलेरिया के टीकों की मांग अभूतपूर्व है. हालांकि, आरटीएस, एस की उपलब्ध आपूर्ति सीमित है. डब्ल्यूएचओ की ओर से अनुशंसित मलेरिका टीकों की सूची में आर 21 के जुड़ने से उन क्षेत्रों में रहने वाले सभी बच्चों को टीके की आपूर्ति होने की उम्मीद है, जिन इलाकों में मलेरिया का प्रकोप सबसे ज्यादा होता है और इलाज मुहैया नहीं हो पाता है.

यह भी पढ़ें- Rajouri Encounter: राजौरी में सेना और आतंकियों के साथ मुठभेड़, पैरा कमांडो यूनिट के 3 जवानों को लगी गोली

वैश्विक स्तर पर रोल-आउट का रास्ता खुला

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि WHO ने मलेरिया के टीके को मंजूरी दी है, जिससे दुनिया के दूसरे ऐसे टीके के लिए वैश्विक स्तर पर रोल-आउट का रास्ता खुला है. एसआईआई की तरफ से जारी बयान में ये भी कहा गया कि यह मंजूरी प्री-क्लीनिकल ट्रायल डेटा पर आधारित है, जिसने मौसमी और बारहमासी मलेरिया फैलने वाली जगहों पर चार देशों में सबसे अच्छी सुरक्षा और उच्च प्रभावकारिता दिखाई.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read