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Pornhub समेत कुछ एडल्ट साइट्स ने European Union के खिलाफ मुकदमा क्यों दायर कराया है

Pornhub sue EU: यूरोपीय यूनियन द्वारा लागू किए गए एक कानून की वजह से ये पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ है. इससे पहले अमेजॉन और जर्मन ऑनलाइन फैशन रिटेलर Zalando द्वारा भी ईयू को कानूनी चुनौतियां दी गई हैं.

खबर है कि पोर्नहब (Pornhub) और दो और एडल्ट साइट्स (Adult Sites) ने डिजिटल सर्विसेस एक्ट (Digital Servises Act) को लेकर यू​रोपीय यूनियन (EU) के खिलाफ मुकदमा कर दिया है. इस एक्ट को चुनौती देते हुए पोर्नहब ने दावा किया है कि वह इन सख्त नियमों के तहत आने के मानदंडों को पूरा नहीं करता है.

पोर्नहब की मूल कंपनी आयलो (Aylo) ने घोषणा की है कि पोर्नहब इस एक्ट के तहत ‘बहुत बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म’ की कैटेगरी में नहीं आता है. कंपनी ने लक्जमबर्ग में ईयू के जनरल कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी है.

एक्ट के तहत ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अधिक कड़े नियमों के अधीन आ गए हैं, अगर उनके पास यूरोपीय यूनियन (Europeon Union) में एक महीने में कम से कम 45 मिलियन एक्टिव यूजर हैं.

‘बहुत बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म’ कैटेगरी पर विवाद

दरअसल यूरोपीय यूनियन कमीशन ने पिछले साल डिजिटल सर्विसेस एक्ट के तहत Pornhub, Xvideos और Stripchat को ‘बहुत बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म’ की कैटेगरी में शामिल कर दिया था. एक्ट 45 मिलियन से अधिक मंथली विजिटर्स वाली साइटों को कानूनी रूप से बाध्यकारी कुछ नियमों के तहत लाता है.

इन एडल्ट साइट्स के अलावा ब्रुसेल्स ने 22 प्लेटफार्मों को सूचीबद्ध किया है, जो इस एक्ट के नियमों के अधीन हैं, जिसमें नाबालिगों की सुरक्षा के लिए एज (Age) वैरिफिकेशन करने और उनकी साइटों पर प्रकाशित विज्ञापनों की एक लाइब्रेरी बनाना जरूरी है. इन 22 प्लेटफॉर्म में फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) भी शामिल हैं.

उल्लंघन पर लग सकता है जुर्माना

कानून का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर उनके वैश्विक कारोबार का 6% तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

पोर्नहब की मूल कंपनी आयलो (Aylo) ने कहा कि ईयू कमीशन ने प्लेटफॉर्म को गलत तरीके से ‘बहुत बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म’ की कैटेगरी में शामिल कर दिया है, क्योंकि उनकी साइट एक महीने में लगभग 32 मिलियन यूजर्स होते ही हैं.

ये मुकदमे अमेजॉन (Amazon) और जर्मन ऑनलाइन फैशन रिटेलर ज़ालैंडो (Zalando) द्वारा दी गईं इसी तरह की कानूनी चुनौतियों के बाद सामने आए हैं. इन कंपनियों का तर्क है कि वे भी बहुत बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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