सांकेतिक तस्वीर
भारतीय अर्थव्यवस्था ने दुनियाभर में नया रिकॉर्ड बनाया है. सरकार ने जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए हैं. भारत की पिछली तिमाही में जीडीपी 6.1 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है. जबकि पिछले साल में 9.1 प्रतिशत के मुकाबले 2022-23 में जीडीपी 7.2 प्रतिशत दर बढ़ी है. वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में बेहतर जीडीपी वृद्धि से उत्साहित मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, भारत ठोस आर्थिक प्रदर्शन के एक और वर्ष की ओर देख सकता है. अनुमानित 6.5 प्रतिशत जीडीपी समान रूप से संतुलित है और चालू वित्त वर्ष में इससे ज्यादा वृद्धि की संभावना है.
किन सेक्टर में कितनी ग्रोथ हुई
पिछले तिमाही माइनिंग सेक्टर में 4.1 फीसदी ग्रोथ देखने को मिला है। वहीं इस साल इस सेक्टर में 4.3 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में 6.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अर्थव्यवस्था ने जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पूर्वानुमानों को पीछे छोड़ दिया, जो पहले की 4.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में काफी अधिक है.
पिछले साल की तिमाही की अगर बात करें तो इस सेक्टर में 8.2 फीसदी की ग्रोथ हुई थी. कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। पिछले तिमाही इस सेक्टर 8.3% की ग्रोथ हुई थी जो इस तिमाही में बढ़कर 10.4 फीसदी हो गई है. इस तिमाही ट्रेड, होटल सेक्टर में गिरावट देखने को मिली है. इसमें 9.1 ग्रोथ हुई है, जबकि पिछली तिमाही में इन सेक्टर की ग्रोथ 9.6 फीसदी रही थी. फिन, रियल्टी सेक्टर में काफी ग्रोथ हुई है। पिछले तिमाही में यह 5.7% था, जो इस तिमाही बढ़कर 7.1% हो गया है.
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भारत की स्थिति हुई मजबूत
दरअसल 3.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल आकार के साथ, इस असाधारण उपलब्धि ने वार्षिक विकास दर को आश्चर्यजनक रूप से 7.2 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिससे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हो गई है.
एसबीआई ने किया था दावा
इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023 में सात प्रतिशत की वृद्धि दर को पार कर सकती है. हालांकि भारतीय स्टेट बैंक की बीते शुक्रवार को जारी हुई शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया कि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में भारत की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जबकि सरकार के जारी आंकड़ों के मुताबिक यह 6 फीसदी से भी ज्यादा रही.
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