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Pakistan Crisis: पाकिस्तान में महंगाई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, लोन देने से IMF का इंकार, मचा हाहाकार

पाकिस्तान, वर्तमान में एक बड़े राजनीतिक और साथ ही आर्थिक संकट की गिरफ्त में है, उच्च विदेशी ऋण कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा हैताजा आंकड़ों कि अगर बात करें तो पाकिस्तान की वार्षिक महंगाई मई में साल-दर-साल आधार पर रिकॉर्ड 37.97 प्रतिशत पहुंच गई है.

Pakistan Crisis

पाकिस्तान में महंगाई को लेकर मची हाहाकार

भारत में आप भले ही जरूरी वस्तुओं की महंगाई से परेशान हों लेकिन यदि आप पाकिस्तान की बात करेगें तो आपका दिल भी भर कर आ जायेगा. भारत में महंगाई  की दर 5 फीसदी से नीचे आ गई है, लेकिन आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई दर 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है. ताजा आंकड़ों कि अगर बात करें तो पाकिस्तान की वार्षिक महंगाई मई में साल-दर-साल आधार पर रिकॉर्ड 37.97 प्रतिशत पहुंच गई है.

पाकिस्तान में तेजी से बढ रही महंगाई
इसके साथ ही पाकिस्तान में महंगाई जबरदस्त तेजी से बढ़ी है. पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स  के आंकड़ों के मुताबिक 1965 के बाद से अब तक की सबसे ज्यादा महंगाई दर रिकॉर्ड की गई है. अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य 36.4 फीसदी रहा है. वहीं मार्च में यह दर 35.4 फीसदी रहा. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक देश में महंगाई दर में हर महीने 2 फीसदी के हिसाब से इजाफा होने का अंदेशा है.

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गेहूं, चावल की कीमतों में बढ़ोत्तरी
दरअसल पाकिस्तान की इकोनॉमी गंभीर संकट में है. खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी उछाल के कारण पाकिस्तान की महंगाई की दर 24.5 फीसदी तक पहुंच गई थी.  आपको बता दें जिन वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई, उनमें सिगरेट, आलू, गेहूं का आटा, चाय, गेहूं और अंडे और चावल शामिल हैं. जबकि पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी, मोटर ईंधन, कपड़े धोने के साबुन, डिटर्जेंट और माचिस की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिली है. कई सालों कि उच्चतम प्रतिशत अप्रैल में 36.4 प्रतिशत दर्ज किया गया था. सीपीआई में वृद्धि के साथ इस वित्त वर्ष के 11 महीनों  में 29.16 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि पिछले वर्ष यह 11.29 प्रतिशत रही है.

पाकिस्तान पर डिफॉल्ट होने खतरा
आजादी के बाद से पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. दुसरी तरफ पाकिस्तान का राजनीतिक संकट भी जगजाहिर है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर मिल रही चुनौतियां सरकार के लिए गले की हड्डी बनी हुई है. पाकिस्तान विदेशी कर्ज से पूरा डूबा चुका है, वहीं उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी अब नाम मात्र का बचा है ऐसे में पाकिस्तान को अगर जल्द ही कोई मदद नही मिली तो उस पर डिफॉल्ट होने का भी पूरा खतरा है.



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