सीएम योगी आदित्यनाथ
Yogi Cabinet: अब उच्च शिक्षा के लिए यूपी के 5 जिलों के युवाओं को इधर-उधऱ भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यानी अब उनको अपने घर और जिले को छोड़कर किसी अन्य शहर में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए नहीं जाना होगा. क्योंकि अब ये सुविधा उनको अपने ही जिले में मिलेगी. दरअसल जल्द ही राज्य सरकार मथुरा, फर्रुखाबाद, आगरा, गाजियाबाद और मेरठ में 6 निजी विश्वविद्यालय खोलने जा रही है. इसको लेकर योगी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी भी मिल गई है. जानकारी सामने आ रही है कि राज्य सरकार जल्द ही इसको लेकर नई पॉलिसी लाएगी.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मथुरा, फर्रुखाबाद, आगरा, गाजियाबाद में एक-एक और मेरठ में दो निजी विश्वविद्यालय खोले जाने पर मुहर लग गई है. उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने जानकारी दी है कि, इन विश्वविद्यालयों के खुलने से छात्रों को अपने ही जिलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सकेगी. उन्होंने आगे जानकारी दी कि, छोटे शहरों में निजी विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार कई तरह के इंसेंटिव देगी. इसके लिए राज्य सरकार जल्द नई पॉलिसी लाएगी. वह आगे बोले कि, कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने छोटे शहरों में निजी विश्वविद्यालयों के लिए पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैं.
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बैठक में इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
बैठक में प्रदेश के पांच बस अड्डों को पीपीपी मोड पर विकसित किए जाने का भी फैसला किया गया. इन बस अड्डों के डिवेलपर्स को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. जानकारी सामने आई है कि कौशांबी (गाजियाबाद), आगरा फोर्ट, गोमतीनगर, सिविल लाइंस (प्रयागराज), पुराना गाजियाबाद में बस अड्डे विकसित किए जाएंगे. इस तरह से कुल 23 बस अड्डों का पीपीपी मोड पर निर्माण किया जाना है. जानकारी सामने आ रही है कि, राज्य सरकार जल्द ही शेष 18 बस अड्डों के लिए भी जल्द लेटर ऑफ इंटेंट जारी करेगी.
भवनों में अति विशिष्टियों के लिए कैबिनेट की मंजूरी नहीं लेनी होगी. इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी निर्णय लेगी.
उचित दर दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन और ई-पॉस मशीन लगाने के लिए आरएफपी को मंजूरी दे दी गई है.
खरीफ 2023 से रबी 2025-26 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और फसल बीमा योजना को लागू किया जाएगा.
नोएडा में मयूर विहार फ्लाईओवर से महामाया फ्लाईओवर तक प्रस्तावित 5.96 किलोमीटर एलिवेटेड रोड को भी मंजूरी दे दी गई है.
कोषागारों और उपकोषागारों में डंप 6000 करोड़ रुपये मूल्य के भौतिक स्टांपों के प्रयोग को राज्य सरकार बढ़ावा देगी. औद्योगिक विकास प्राधिकरणों और विकास प्राधिकरणों में इनके चलन को बढ़ाया जाएगा.
प्रदेश में रक्षा, एयरोस्पेस सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनियां अगर इंडस्ट्री लगाने के लिए लीज पर जमीन लेती हैं, तो उन्हें स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी. इसके लिए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश रक्षा और एयरोस्पेस इकाई और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि अभी तक इंडस्ट्री लगाने के लिए जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में छूट का प्रावधान है.
संवरेंगे जर्जर माध्यमिक विद्यालय, ग्रेच्युटी में किया गया संशोधन
बता दें कि अब जल्द ही प्रदेश के जर्जर माध्यमिक विद्यालय भी संवारे जाएंगे. पुराने व जर्जर हो चुके एडेड माध्यमिक विद्यालयों को प्रोजेक्ट अलंकार के तहत कॉलेजों को अब सिर्फ 25% मैचिंग ग्रांट ही देनी होगी. बाकी 75% धनराशि सरकार खर्च करेगी. प्रोजेक्ट अलंकार के तहत वर्ष 2022-23 के बजट में एडेड विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. तो इसी के साथ एडेड स्कूलों के लिए शर्त रखी गई है कि जितने का निर्माण कार्य होगा, उसकी 50% धनराशि उन्हें खुद उठानी होगी, लेकिन सरकार के इन प्रयासों के बाद भी विद्यालयों ने प्रस्ताव नहीं भेजे. इसे देखते हुए सरकार ने मैचिंग ग्रांट में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया और इसे मंगलवार को मंजूरी दे दी. इस तरह से अब विद्यालयों को जो 25% मैचिंग ग्रांट देनी होगी, इसमें भी सीएसआर और विधायक निधि से सहयोग लिया जा सकेगा. ऐसे विद्यालय जो 70 साल से अधिक पुराने हैं, उनका जीर्णोद्धार कराया जा सकेगा. बता दें कि विद्यालय डीआईओएस के माध्यम से प्रस्ताव भेजेंगे. माध्यमिक शिक्षा निदेशक के स्तर से तीन चरणों में 40:40:20 के अनुपात में धनराशि जारी की जाएगी. तो वहीं शिक्षकों के लिए भी खुशी की खबर सामने आई है. बता दें कि अब एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा सेवानिवृत्ति की उम्र मे विकल्प न भरे जाने के बाद भी उनकी मृत्यु हो जाने पर परिवार को ग्रैच्युटी मिलेगी. मालूम हो कि शिक्षकों को 60 या 62 साल में रिटायरमेंट का विकल्प भरना होता है, जो 62 साल का विकल्प भरते हैं, उनको ग्रैच्युटी का लाभ नहीं मिलता. तो वहीं कुछ शिक्षक विकल्प भरते ही नहीं है. ऐसे में 60 साल की उम्र से पहले अगर उनका निधन हो जाता है तो उनके परिवार को ग्रैच्युटी नहीं मिलती थी. फिलहाल योगी कैबिनेट ने इसमें भी संशोधन को मंजूरी दे दी है.
-भारत एक्सप्रेस
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