Mono rail: उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रिओं की सुविधा के लिए एक प्लान तैयार किया गया है जिसमें जेवर एयरपोर्ट से परी चौक तक मोनो रेल चलाई जाएगी. इससे परी चौक से जेवर तक कम समय में पहुंचा जा सकता है. दरअसल, लखनऊ में हुई बैठक में मोनो रेल चलाने पर फैसला लिया गया है. सबसे पहले इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट की बात कही गई है.
इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने स्विस कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी है. स्विस कंपनी इनटामिन इसे पूरा करेगी. बैठक में यह तय किया गया है कि एजेंसी 2 माह में अपनी रिपोर्ट देगी. जेवर एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा की दूरी करीब 32 किलोमीटर है. मोनो रेल एक्सप्रेसवे के किनारे चलाई जाएगी इसके लिए जमीन पहले से मौजूद है.
नहीं सुनाई देगा कोई शोर
मोनो रेल ऐसी ट्रेन हैं जो कि रेलवे लाइन पर नहीं बल्कि एक बीम के सहारे चलती है. इसका रुट एलिवेटेड होता है. इसमे दुर्घटना की संभावना भी नहीं रहती है. मोनो रेल की सबसे बड़ी खासियत इसका साइलेंट सफर है. माना जाता है कि ये न तो अंदर बैठे यात्री को इसका शोर सुनाई देता है और न ही बाहर वाले लोगों को इससे प्रदूषण फ्री सफर होगा.
मोनो रेल का ट्रैक बनाने में 250 करोड़ होंगे खर्च
मोनो रेल का एक किलोमीटर ट्रैक बनाने में करीब 250 करोड़ रुपय खर्च होंगे. मेट्रो की अपेक्षा इसमें खर्च कम आएगा. ग्रेटर नोएडा से जेवर तक मोनो रेल चलने से आवाजाही में आसानी होगी. अधिकारियों ने बताया है कि ग्रेटर नोएडा से जेवर तक निर्बाध रुप से लोग आ जा सकते हैं जिससे लोगों को विश्वस्तरीय सुविधा मिल सकेगी. इसके अलावा दिल्ली से जेवर तक रैपिड मेट्रो चलाई जाएगी. मोनो रेल के साथ-साथ इसकी भी फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाई जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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