सांकेतिक तस्वीर
-अवनीश कुमार
Lucknow: उत्तर प्रदेश में फर्जी अस्पतालों के संचालन को लेकर लगातार खबरें सामने आ रही हैं. हाल ही में आगरा में भी एक ही डॉक्टर की डिग्री पर कई अस्पतालों के संचालन की खबर सामने आई थी. अब इसी तरह की खबर यूपी की राजधानी लखनऊ से भी सामने आ रही है. यहां एक महिला डॉक्टर की डिग्री से आठ निजी अस्पतालों के संचालन की खबर ने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है. आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को नोटिस भेज दिया है. इसी के साथ 100 अस्पतालों के नवीनीकरण पर रोक भी लगा दी गई है.
निजी अस्पतालों में न डॉक्टर सही न स्टॉफ फिर भी मरीजों का इलाज कर धोखा दे रहे अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस दिया है. आठ निजी अस्पतालों ने एक ही महिला डॉक्टर की फर्जी तरीके से डिग्री लगाकर पंजीकरण और नवीनीकरण करवा लिया. मामले का खुलासा होने पर स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस देकर जवाब माँगा है. वहीं उचित जवाब न मिलने पर अस्पतालों के संचालन पर रोक लगाई जाएगी. लखनऊ के स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि सभी अस्पतालों को अपने यहां फुल टाइम एमबीबीएस डॉक्टर की डिग्री लगानी होगी वरना पंजीकरण रद्द किया जायेगा और अस्पताल के संचालन पर भी रोक होगी. जानकारी के मुताबिक लखनऊ के सुपीरिया पॉली क्लिनिक, जनता हॉस्पिटल, आर्य हॉस्पिटल, जेडी हॉस्पिटल, एके हॉस्पिटल और नागर हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर प्रियंका की फुल टाइम वर्क की डिग्री लगी है.
जानें क्या है नियम
बता दें कि नियम यह है कि एक डॉक्टर की फुल टाइम डिग्री एक ही अस्पताल में लग सकती है. पार्ट टाइम डॉक्टरों की डिग्री ही कई जगह लगायी जा सकती है. अब निजी अस्पताल संचालकों ने मानकों को दरकिनार करते हुए अस्पतालों का पंजीकरण और नवीनीकरण कर दिया. मामले में डॉ प्रियंका का कहना है कि वह केवल सुपीरिया पॉली क्लिनिक में ही पूर्ण सेवा दे रहीं हैं. लखनऊ में 1300 निजी अस्पताल और 250 लैब का संचालन हो रहा है. उस पर भी स्वास्थ्य विभाग की नजर बनी है. वहीं 100 अस्पतालों के नवीनीकरण पर रोक लगा दी गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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