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लैंड फॉर जॉब मामला: सीबीआई को लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मिली मंजूरी, कोर्ट ने दी 15 दिन की मोहलत

रेलवे में जमीन के बदले नौकरी का यह मामला उस दौरान का है जब लालू लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे. आरोप है कि जमीन को औने-पौने दाम में लिखवाकर रेलवे में नौकरी दी गई.

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बिहार में राजद के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव

लैंड फॉर जॉब मामले में कथित आरोपी और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रहा है. सीबीआई ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया की लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि करीब 30 अन्य आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी के लिए कोर्ट से 15 दिनों का अतिरिक्त समय की मांग की है. जिसको मंजूर करते हुए कोर्ट ने सीबीआई से मंजूरी लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है.

कोर्ट 15 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. सीबीआई द्वारा दायर अंतिम चार्जशीट में 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई के मुताबिक 38 कैंडिडेट्स है इसके अलावे कुछ अधिकारी शामिल है. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमे भोला यादव को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि भोला यादव लालू प्रसाद यादव के सचिव रह चुके हैं और वही सभी काम देखते थे. भोला यादव ही अधिकारियों को निर्देश देते थे.

सीबीआई ने इस संबंध में भोला यादव के कम्प्यूटर से सबूत बरामद किया है. बता दें कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सहित अन्य लोगों को आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के कई सदस्य भी इस मामले में आरोपित है, और कोर्ट से उन्हें जमानत मिली हुई है. सीबीआई ने इस मामले में कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है. जिसमें तत्कालीन रेलमंत्री लालू यादव के सचिव रह चुके भोला यादव को भी जांच एजेंसी ने अपने रडार पर लिया है. इससे पहले कोर्ट ने फरवरी में इस मामले में कई आरोपितों को जमानत दी है.

जमानत लेने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद सांसद मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य आरोपी है. बता दें कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी का यह मामला उस दौरान का है जब लालू लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे. आरोप है कि जमीन को औने-पौने दाम में लिखवाकर रेलवे में नौकरी दी गई. लालू परिवार के कई सदस्य इस मामले में जांच एजेंसियों के रडार पर चढ़े. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को ईडी ने अपने दफ्तर में भी बुलाया था और दोनों से लंबी पूछताछ हुई थी.

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-भारत एक्सप्रेस



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