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PM Modi in Lok Sabha: ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी… विपक्ष का फेवरेट नारा”- पीएम मोदी का विरोधी दलों पर हमला, पढ़ें बड़ी बातें

PM Modi in Lok Sabha: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम ही नहीं था.

no confidence motion

पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो- भारत एक्सप्रेस)

PM Modi in Lok Sabha: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने भी चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ होता है. आज मैं देख रहा हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से NDA और BJP 2024 के चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर शानदार जीत के साथ वापस आएंगे.

वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम ही नहीं था. 1999 में वाजयेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया. शरद पवार उस वक्त नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने बहस की शुरुआत की. 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थी. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव रखा. 2018 में खड़गे विपक्ष के नेता थे उन्होंने प्रस्ताव रखा. लेकिन इस बार अधीर रंजन का क्या हाल हो गया. उनको बोलने का मौका नहीं दिया. ये तो कल अमित शाह ने कहा तो मौका दिया. लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना है उसमें ये माहिर हैं.

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जानिए पीएम ने क्या-क्या कहा…

  • आपने इस प्रस्ताव पर किस तरह की चर्चा की है. मैं सोशल मीडिया पर देख रहा हूं कि ‘आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं.’ विपक्ष ने फील्डिंग का आयोजन किया लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे.
  • मैंने 2018 में कहा था कि 2023 में फिर से आना. लेकिन फिर भी आपने (विपक्ष) मेहनत नहीं की… आपने (विपक्ष) देश को निराशा के अलावा और कुछ नहीं दिया. मैं विपक्ष के रवैये पर कहूंगा, ‘जिनके बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वे भी हमसे हमारा हिसाब लिए फिरते हैं.
  • हमारा ध्यान देश के विकास पर होना चाहिए…यह समय की मांग है. हमारे युवाओं में सपनों को साकार करने की शक्ति है… हमने देश के युवाओं को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, आकांक्षाएं और अवसर दिए हैं.
  • अविश्वास और गमन इनके रग-रग में बस गया है. वे जनता के विश्वास को देख नहीं पाते. यह जो शुतुरमुर्ग दृष्टिकोण है इसके लिए देश क्या ही कर सकता है… जब घर में अच्छा होता है तो नज़र न लगे उसके लिए काला टीका लगाते हैं. आज देश का जो मंगल, वाहवाही हो रही है उस पर मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि काले टीके के रूप में काले कपड़े पहनकर सदन में आकर इस मंगल को सुरक्षित करने का काम किया है.

  • हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है और उसे फिर एक बार नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं, अभी भी कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं दुनिया में हमारी साख को दाग लग जाए लेकिन दुनिया अब देश को जान चुकी, भारत के योगदान पर विश्व का भरोसा बढ़ता चला जा रहा है.
  • विपक्ष के लोगों को एक रहस्यमयी वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा. ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है. 20 साल हो गए क्या कुछ नहीं हुआ पर भला ही होता चला गया.
  • जब हम यह दावा करते हैं कि हम अपनी तीसरी अवधि में देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाएंगे तो एक ज़िम्मेदार विपक्ष का काम क्या होता? वह सवाल पूछता कि ‘निर्मला जी, मोदी जी आप यह कैसे करेंगे?’ यह भी मुझे सिखाना पड़ रहा है. यह लोग चुनाव में जनता के बीच कहते कि हम पहले नंबर पर लाएंगे. हमारे विपक्ष की यह त्रासदी है. यह लोग अनुभवहीनता की बातें करते हैं. यह कहते हैं कि यह सब वैसी ही होने वाला है.

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  • देश का विश्वास है कि 2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तो देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
  • विपक्षी पार्टियां दिन-रात कोसती हैं. उनका फेवरेट डायलॉग है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी. लेकिन मैं इनके अपशब्दों को अपना टॉनिक बना लेता हूं.
  • इनको (विपक्ष) भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है. इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है. लेकिन इस सदन को बताना चाहता हूं कि इस देश का भी, भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है.
  • कांग्रेस अपने घमंड में इतनी चूर हो गई है कि उसे ज़मीन नहीं दिखाई दे रही है.
  • मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. कुछ ही दिन पहले बेंगलुरू में आपने मिल-जुलकर करीब डेढ़-दो दशक पुराने UPA का क्रिया कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है. लोकतांत्रित व्यवहार की मुताबिक मुझे आप लोगों को सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी.
  • इनको (विपक्ष) ज़िंदा रहने के लिए भी NDA का सहारा लेना पड़ा. लेकिन घमंड इतना कि NDA में भी दो ‘I’ पिरो दिए. पहला ‘I’ 26 दलों का गमन और दूसरा ‘I’ एक परिवार का गमन. खुद बचने के लिए NDA भी चुराया और इंडिया के भी टुकड़े किए (I.N.D.I.A में डॉट लगाकर)…

-भारत एक्सप्रेस

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