अरविंद केजरीवाल व मल्लिकार्जुन खड़गे (फोटो फाइल)
Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ लड़ने के लिए 26 विपक्षी दल एक मंच पर आ चुके हैं. इन दलों ने मिलकर ‘I.N.D.I.A.’ गठबंधन बनाया है और बीजेपी को मात देने के दावा कर रहे हैं. हालांकि अभी सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी है और इसको लेकर ऐसी खबरें हैं कि मुंबई में होने वाली बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. लेकिन इस बीच दिल्ली में इस गठबंधन में दरार पड़ती नजर आ रही है.
कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली में लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर बैठक की. तीन घंटे तक चली बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया मौजूद थे. इस बैठक के बारे में बताते हुए अलका लांबा ने कहा कि संगठन को मज़बूत करने, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने पर बात हुई. 7 महीने और 7 सीटें (दिल्ली लोकसभा) हैं. सभी सीटों पर हर नेता को आज से अभी से निकलना है, संगठन की तरफ से जिसको जो भी ज़िम्मेदारी दी जा रही है, उसे हम निभाएंगे. मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना है. 2019 के चुनावों में हम हम सातों सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के बाद हम देख रहे हैं कि लोग बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस को एक मजबूत विकल्प के रूप में देख रहे हैं. ”
अलका लांबा ने AAP पर साधा निशाना
अलका लांबा ने इशारों-इशारों में आम आदमी पार्टी पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता भ्रष्टाचार के आरोप में इस समय जेल में हैं, मुख्यमंत्री पर भी शिकंजा कस सकता है इस बात की भी चिंता जाहिर की गई लेकिन लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे इस पर कोई बात नहीं हुई है. हम अपनी तैयारी पूरी रखेंगे जो फैसला होगा वो देखा जाएगा.”
#WATCH तीन घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, के.सी. वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया मौजूद थे। संगठन को मज़बूत करने, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने पर बात हुई। 7 महीने और 7 सीटें(दिल्ली लोकसभा) हैं। सभी सीटों पर हर नेता को आज से अभी से… pic.twitter.com/SDS293NlLl
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वहीं कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की खबरों पर AAP नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ऐसी बातें आती रहेंगी. जब INDIA के घटक दल मिलकर बैठेंगे, जब सभी पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व एक साथ बैठकर सीटों के बंटवारे पर चर्चा करेगा तब पता चलेगा कि किस पार्टी को कौन सी सीटें मिल रही हैं.
तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं- AAP
इस मुद्दे पर AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने दो टूक कहा कि अगर वे (कांग्रेस) दिल्ली में गठबंधन नहीं करते, तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है, यह समय की बर्बादी है. हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि INDIA गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होना है या नहीं. अब देखना है कि आम आदमी पार्टी ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होती है या नहीं. दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने के कांग्रेस के बयान के बाद आम आदमी पार्टी ने पलटवार कर अपनी रणनीति भी लगभग स्पष्ट कर दी है.
#WATCH…अगर वे (कांग्रेस) दिल्ली में गठबंधन नहीं करते, तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है, यह समय की बर्बादी है। हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि INDIA गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होना है या नहीं: AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ pic.twitter.com/RRo7DuvhUN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2023
कांग्रेस की आई सफाई
इस बीच, अलका लांबा के बयान पर AICC दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने सफाई दी. उन्होंने कहा, “अलका लांबा एक प्रवक्ता हैं लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए वह अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं. मैंने प्रभारी के तौर पर कहा है कि आज बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई. मैं अलका लांबा के बयान का खंडन करता हूं. मैंने यह भी कहा कि INDIA गठबंधन की कोई भी चर्चा केवल मल्लिकार्जुन खड़गे की उपस्थिति में होगी.”
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बीजेपी ने ली चुटकी
उधर, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा जारी बयानबाजी के बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी बयान आया है. उन्होंने कहा, “अब कांग्रेस दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है. साफ है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के पैरों से दरी खींच ली है. ‘घमंडिया गठबंधन’ की तरफ से ये अभी पहला रुझान है. आगे कांग्रेस को यूपी में सपा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में RJD-JDU के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है.”
धर्मेंद्र प्रधान ने प्रमुख विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस को या तो अकेले चुनाव लड़ना होगा या फिर किसी गठबंधन में तीसरे दर्जे की पार्टी रहकर पूरे देश में 100 सीट भी लड़ने को मिल पाना मुश्किल है. अब साफ हो रहा कि ‘घमंडिया गठबंधन’ केवल सदन में गतिरोध पैदा कर कामकाज रोकने की गलत नीयत व दिखावे के लिए बना था. यह गठबंधन ही 2024 तक नहीं टिकेगा.”
-भारत एक्सप्रेस
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