MP Election 2023
MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही बीजेपी एक्शन मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सिर ‘ताज’ सजाने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने प्लान बना लिया है. पीएम मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक राज्य में ताबड़तोड़ रैलियां करने जा रहे हैं. पार्टी ने 39 सीटों के लिए टिकट भी फाइनल कर दिया है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की उन सीटों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है जो 2018 में कांग्रेस से हार गई थीं. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी A.B.C.D फॉर्मूले के साथ मैदान में उतर रही है.
बीजेपी का A.B.C.D फॉर्मूला
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि जहां पार्टी का गढ़ है उसे A कैटेगरी में रखा जाएगा. वहीं जहां पार्टी ने पिछले चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन किया उसे D कैटेगरी में रखा जाएगा. इतना ही नहीं C-D कैटेगरी वाले सीटों पर भाजपा ने कैंडिडेट बदलने की योजना बनाई है. आने वाले दिनों में बेहतर राजनीतिक प्लान के जरिए बीजेपी नेता अपने वोटर्स को साधने का प्रयास करते नजर आएंगे.
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शाह सौपेंगे राज्य सरकार का रिपोर्ट कार्ड
मध्य प्रदेश के नेताओं ने पीएम मोदी से चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले राज्य में रैलियां करने का अनुरोध किया है. हो सकता है आने वाले दिनों में पीएम मोदी राज्य में रैलियां करते नजर आ जाए. इतना ही नहीं 20 अगस्त को अमित शाह मध्य प्रदेश में राज्य सरकार के 20 सालों के काम के बारे में जनता को बताने के लिए ‘गरीब कल्याण रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे.
एमपी बीजेपी प्रमुख वीडी शर्मा ने कहा,” रिपोर्ट जारी करने के बाद, शाह “गरीब कल्याण” थीम के साथ अभियान रथ को भी हरी झंडी दिखाएंगे. रथ केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए सभी विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा करेगा.” लॉन्च के बाद अमित शाह और सीएम शिवराज सिंह चौहान बीजेपी राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक के लिए ग्वालियर जाएंगे. बैठक में राज्य के केंद्रीय मंत्रियों के अलावा विधायकों, जिला अध्यक्षों और 1,200 से अधिक पार्टी पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है.
बीजेपी का मध्यप्रदेश में प्रयोग
बता दें कि मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार है जब बीजेपी ने चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा की हो. इससे पहले हमेशा से चुनाव की तारीख तय हो जाने के बाद ही उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की जाती थी. इस बार परंपरा बदली है, या यूं कहें कि भाजपा ने प्रयोग किया है कि जिन सीटों पर पार्टी कमजोर है वहां पहले ही उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए जाएं.
-भारत एक्सप्रेस
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