प्रज्ञान रोवर द्वारा भेजी गई तस्वीर
Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड होने के बाद इसका प्रज्ञान रोवर चांद के अध्ययन में लगा हुआ है. 14 दिनों में चांद का गहराई से निरीक्षण करने के बाद प्रज्ञान रोवर वापस विक्रम लैंडर के अंदर आ चुका है. वहीं इसके द्वारा ली गई तस्वीरों को इसरो ने थ्रीडी तकनीक का उपयोग करते हुए पेश किया है. वहीं इसरो का कहना है कि थ्रीडी चश्मे से देखने पर एक अलग ही अहसास होगा. इसरो द्वारा जारी इन तस्वीरों को प्रज्ञान रोवर ने विक्रम लैंडर से 40 फीट की दूरी से लिया है. इसे प्रज्ञान रोवर के नैवकैम द्वारा लिया गया है. इसमें लैंडर के आसपास चांद की सतह भी दिखाई दे रही है.
चंद्रमा की सतह दिखी लाल और नीले रंग की
सतह के डायमेंशन को स्टीरियो और मल्टी-व्यू इमेज के रूप में इसरो द्वारा जारी किया गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा इसे एनगलिफ कहा जा रहा है. नैवकैम से लिए गए इस तस्वीर को नैवकैम स्टीरियो में बदला गया है. चांद पर रात होने और वहां का तापमान माइनस 280 डिग्री होने के कारण रोवर को आराम दिया गया है. हालांकि, रोवर की बैटरी फुल चार्ज बताई जा रही है और रोवर सौर ऊर्जा से चलता है. 14 दिन बाद यह फिर से अपने काम पर लग जाएगा. वहीं इसने चांद से कई तस्वीरें भी भेजी हैं. नई तस्वीरों में चंद्रमा की सतह लाल और नीले रंग वाली दिखाई दे रही है.
Chandrayaan-3 Mission:
Anaglyph is a simple visualization of the object or terrain in three dimensions from stereo or multi-view images.
The Anaglyph presented here is created using NavCam Stereo Images, which consist of both a left and right image captured onboard the Pragyan… pic.twitter.com/T8ksnvrovA
— ISRO (@isro) September 5, 2023
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NavCam स्टीरियो इमेज का उपयोग
5 सितंबर को X पर इसरो द्वारा पोस्ट एक तस्वीर में प्रज्ञान रोवर द्वारा भेजी गई पिछले महीने की 30 अगस्त की तस्वीर को रि-पोस्ट किया गया है. इसरो ने पोस्ट में जानकारी देते हुए बताया है कि यह तस्वीर एनाग्लिफ स्टीरियो या मल्टी-व्यू छवियों से तीन आयामों में वस्तु या इलाके का एक सरल दृश्य है. यहां प्रस्तुत एनाग्लिफ NavCam स्टीरियो इमेज का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर पर ली गई बायीं और दायीं दोनों छवि शामिल है. इस 3-चैनल छवि में, बाईं छवि लाल चैनल में स्थित है, जबकि दाहिनी छवि नीले और हरे चैनल (सियान बनाते हुए) में रखी गई है. इन दोनों छवियों के बीच परिप्रेक्ष्य में अंतर के परिणामस्वरूप स्टीरियो प्रभाव होता है, जो तीन आयामों का दृश्य प्रभाव देता है. 3D NavCam में देखने के लिए लाल और सियान चश्मे की अनुशंसा की जाती है, जिसे LEOS/ISRO द्वारा विकसित किया गया था. डाटा प्रोसेसिंग एसएसी/इसरो द्वारा किया जाता है.
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