कार्यक्रम में बोलते केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान
Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लगातार अलग राज्य बनाने की मांग की जा रही है. वहीं रविवार को इस मांग का समर्थन केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने भी किया है और इस नए राज्य की राजधानी मेरठ को बनाए जाने की बात कही है. बता दें कि रविवार को मेरठ में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद को वह संबोधित कर रहे थे और इसी बीच उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को उचित ठहराया. साथ ही कहा कि यहां की आबादी आठ करोड़ है और उच्च न्यायालय यहां से 750 किलोमीटर दूर हैं, ऐसे में यह मांग पूरी तरह से जायज है. इस संसद में सभी पार्टियों के जाट समाज के जन प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
संजीव बालियान ने की ये मांग
अपने संबोधन में संजीव बालियान ने जाटों को राष्टवादी कौम बताया और कहा, ”इसका कोई तोड़ नहीं है, लेकिन राजनीति में सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है, सबके बिना तो कोई गांव में प्रधान भी नहीं बन सकता.” इस संसद में कई मांगे रखी गई, जिसमें केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण, बेगम पुल रैपिड स्टेशन का नाम चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखने की मांग भी उठाई गई.
इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटू राम और राजा महेंद्र सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी की गई. इसके अलावा देश के नए संसद भवन में महाराजा सूरजमल का स्मारक लगाये जाने की मांग को भी बल दिया गया. जाट संसद में सामाजिक के साथ ही राजनीति व वर्तमान और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
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जाट आरक्षण को लेकर सरकार ने रखा था मजबूती से पक्ष
जाट समाज को सम्बोधित करते हुए संजीव बालियान ने आरक्षण को लेकर कहा, ”ये कहना गलत है कि अदालत में सरकार की लचर पैरवी से आरक्षण खत्म हुआ. सरकार ने पूरी मजबूती से पक्ष रखा. आगे जो भी आरक्षण की बात करेगा मैं उसके पीछे रहूंगा.”
इस मौके पर आरक्षण को लेकर अपनी राय रखते हुए जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि आरक्षण की मांग पूरी करने के लिए राजनेताओं का सहारा लेना होगा. अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानिया ने मीडिया को जानकारी दी कि, अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में विदेशों से आए जाट समाज के लोगों ने भी हिस्सा लिया.
-भारत एक्सप्रेस
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