खालिस्तानी समर्थकों ने तिरंगे को जलाया (फाइल फोटो)
खालिस्तानी समर्थकों का भारत के खिलाफ जहर उगलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कनाडा के बाद अब लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे को भी जला दिया. ये प्रदर्शन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर किया गया था. तिरंगे को जलाने से पहले दल खालसा यूके का नेतृत्व करने वाले गुरचरण सिंह ने उसपर गोमूत्र डाला.
पीएम ऋषि सुनक को गौमूत्र पीने की दी चुनौती
भारतीय उच्चायोग दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाले खालिस्तानी समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाए. इसके अलावा उन्होंने ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक को गोमूत्र पीने की चुनौती दी. हालांकि प्रदर्शन शुरू होते ही स्थानीय पुलिस ने गुरचरण सिंह को हिरासत में ले लिया. इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, विरोध-प्रदर्शन में NIA की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल परमजीत सिंह पम्मा भी मौजूद था.
केटीएफ का सदस्य है परमजीत सिंह पम्मा
बता दें कि परमजीत सिंह पम्मा खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का सदस्य है. पम्मा ने इंडियन हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन के दौरान कनाडा में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का भी जिक्र किया. परमजीत सिंह ने हत्याकांड को लेकर भारत को धमकी भी दी.
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भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोका था
गौरतलब है कि इससे पहले खालिस्तानी समर्थकों ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को एक गुरुद्वारे में भी प्रवेश करने से रोक दिया था. भारत सरकार ने घटना की जानकारी ब्रिटिश सरकार को देने के साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
NIA की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है परमजीत सिंह पम्मा
खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से किए गए विरोध-प्रदर्शन में शामिल परमजीत सिंह पम्मा खालिस्तान टाइगर फोर्स का सक्रिय सदस्य है. पम्मा भारत की जांच एजेंसी NIA की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है. इसके अलावा गुरचरण सिंह, जिसने इस विरोध-प्रदर्शन को लीड किया था, वह दल खालसा यूके का नेता है. यह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़ा हुआ है. भारत के खिलाफ गुरचरण सिंह अक्सर विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहता है.
-भारत एक्सप्रेस
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