amit malviya and rahul gandhi
Apple on iPhone Hacking: विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार उनके फोन को हैक करने की कोशिश कर रही है. कैश फॉर क्वेरी स्कैम में फंसी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, शशि थरूर समेत कई नेताओं ने मंगलवार को कहा कि उन्हें Apple की ओर से एक अलर्ट मैसेज मिला है. सभी ने सोशल मीडिया पर मैसेज का स्क्रीनशॉट भी साझा किया. अब बीजेपी ने विपक्षी नेताओं पर पलटवार किया है.
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी के अमित मालवीय ने विपक्ष के आईफोन हैकिंग नोटिफिकेशन मामले को फिर से हवा दे दी है. अपने एक्स पोस्ट में मालवीय ने लिखा, “दिलचस्प बात यह है कि अलर्ट मैसेज सिर्फ विपक्षी नेताओं को मिलता है. यह जार्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित ‘एक्सेस नाउ’ और एप्पल अधिसूचनाओं के बीच संबंध दिखाता है. इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी सब कुछ छोड़कर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए दौड़ पड़े. यहां भयावह साजिश देखें?
Interesting thread that draws link between George Soros funded ‘Access Now’ and Apple notifications, supposedly received only by Opposition leaders. It is therefore no surprise that Rahul Gandhi dropped everything and rushed to hold a press conference. See the sinister plot here? https://t.co/VORNt0jV5v
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 1, 2023
बता दें कि जिस ट्वीट का अमित मालवीय ने रिट्वीट किया था. इसमें बताया गया है कि एप्पल की ओर से जो मैसेज सांसदों को भेजे गए उसमें http://Accessnow.org को डिजिटल सिक्योरिटी हेल्पलाइन के रूप में दिखाया गया है, उसका जॉर्ज सोरोस से क्या कनेक्शन है?
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10 से ज्यादा नेताओं को भेजे गए अलर्ट मैसेज
बता दें कि 10 से अधिक विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने सोमवार को बताया कि उन्हें Apple से “खतरे की सूचनाएं” मिली हैं, जिसमें उन्हें संभावित “फोन हैकिंग के बारे में आगाह किया गया है. जिन नेताओं को एप्पल की ओर से अलर्ट मैसेज मिला है उनमें महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुवेर्दी, राघव चड्ढा, शशि थरूर, अखिलेश यादव, पवन खेड़ा, सिद्धार्थ वरदराजन, श्रीराम कर्री और समीर सरन शामिल हैं.
Apple की सफाई
जासूसी विवाद के बीच ऐपल का भी बयान आ गया है. कंपनी ने कहा है कि वो हैकिंग के खतरे को लेकर चेतावनी की प्रक्रिया के बारे में नहीं बता सकता है. इससे स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स सचेत हो जाएंगे. फिर उनकी हरकतों को पकड़ पाना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, एप्पल ने कहा है कि ऐसा गलत अलार्म के कारण भी हो सकता है. हम इस बारे में जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हैं कि खतरे की सूचनाएं जारी करने का क्या कारण है?
-भारत एक्सप्रेस
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