ज्योतिरादित्य सिंधिया
MP Election: 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है. मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी ने एकजुट होकर विद्रोह की किसी भी संभावना को दबाने की हरसंभव कोशिश की है. एमपी का विधानसभा चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये 2024 के आम चुनाव से ठीक पहले हो रहा है. इस बीच मतदान के दिन ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ कर दिया है कि वे सीएम की रेस से बाहर हैं.
वोट डालने ग्वालियर पहुंचे थे सिंधिया
दरअसल, कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर वोट डालने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की और अपने मुख्यमंत्री पद के दावेदार होने की तमाम अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि न मैं कभी सीएम की रेस में था और न आज हूं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुझसे तीनों बार पूछा गया. साल 2013 में, साल 2018 में और आज भी. तीनों बार मैंने कहा है कि मैं सीएम की रेस में नहीं हूं.
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तीन बार से एक ही सवाल पूछा जा रहा है: सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “ये ही सवाल 2013 में पूछा था, ये ही सवाल 2018 में पूछा था. अब फिर मुझे पूछ रहे हैं. मैंने तब भी कहा था कि मैं इस दौड़ में नहीं हूं. मैं एक सेवक हूं एमपी की जनता का. जो भी आदेश मेरी पार्टी करेगी.उसका पालन मैं करूंगा. लेकिन मुख्यमंत्री की रेस में मैं नहीं हूं.”
बता दें कि एमपी में भाजपा ने इस बार पीएम मोदी की लोकप्रियता के सहारे ही नैया पार करने की ठानी है. हो सकता है कि जीत के बाद पार्टी इस बार शिवराज सिंह चौहान को सीएम न बनाए.
बताते चलें कि इससे पहले भी कई बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि आप सब जानते हैं कि बीजेपी कैसी पार्टी है. जब मैं कांग्रेस में था, तब भी मुझ से ये सवाल किया जाता था. आज बीजेपी में हूं तो भी यही सवाल पूछा जा रहा है. कांग्रेस पार्टी में गुट होते हैं. वहां सीएम के प्रत्याशी होते हैं. वहां सत्ता की लालच होती है. कांग्रेस में सरकार बनने के पहले 8-8 सीएम बन जाते हैं. लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. यहां न कोई नेता है, न कोई सीएम.
-भारत एक्सप्रेस
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