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PM Modi in Mathura: कृष्णनगरी मथुरा पहुंचे पीएम मोदी, जन्मभूमि मंदिर में की पूजा-अर्चना, बोले- ये कोई साधारण धरती नहीं

Pm Modi Mathura Visit: पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि मेरे लिए इस समारोह में आना एक और वजह से विशेष है. भगवान कृष्ण से लेकर मीराबाई तक, ब्रज का गुजरात से एक अलग ही रिश्ता रहा है.

पीएम मोदी (फोटो ट्विटर)

Pm Modi in Mathura: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कृष्णनगरी मथुरा पहुंचे हैं. यहां उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की. सभी साधु-संतों को प्रणाम किया. इसके बाद ब्रज रज के आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. यहां उनका सांसद हेमा मालिनी ने स्वागत किया. पीएम मोदी ने यहां ब्रज रज कार्यक्रम में पहुंचे और मीराबाई पर डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का भी जारी किया. यह सिक्का 50 प्रतिशत चांदी और 40 प्रतिशत चांदी से बना है. इसका कुल वजन 35 ग्राम हैं.

मथुरानगरी पहुंच के बाद उन्होंने एक जनसंवाद भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मीराबाई का 525वां जन्मोत्सव केवल एक संत का जन्मोत्सव नहीं है. ये भारत की एक सम्पूर्ण संस्कृति का उत्सव है, ये प्रेम-परंपरा का उत्सव है, ये उत्सव नर और नारायण में, जीव और शिव में, भक्त और भगवान में, अभेद मानने वाले विचार का भी उत्सव है.

‘इस समारोह में आने की मेरी खास वजह है’

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि मेरे लिए इस समारोह में आना एक और वजह से विशेष है. भगवान कृष्ण से लेकर मीराबाई तक, ब्रज का गुजरात से एक अलग ही रिश्ता रहा है. मथुरा के कान्हा, गुजरात जाकर ही द्वारकाधीश बने थे. राजस्थान से आकर मथुरा-वृन्दावन में प्रेम की धारा बहाने वाली संत मीराबाई जी ने भी अपना अंतिम जीवन द्वारिका में ही बिताया था. मीरा की भक्ति बिना वृंदावन पूरी नहीं होती है.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज ब्रज के दर्शन का अवसर मिला है, ब्रजवासियों के दर्शन का अवसर मिला है. क्योंकि यहां वही आता है जिसे श्रीकृष्ण और श्रीजी बुलाते हैं. ये कोई साधारण धरती नहीं है. ये ब्रज तो हमारे ‘श्यामा-श्याम जू’ का अपना धाम है. ब्रज ‘लाल जी’ और ‘लाडली जी’ के प्रेम का साक्षात् अवतार है. ये ब्रज ही है, जिसकी रज भी पूरे संसार में पूजनीय है.

‘यहां सब कुछ कुछ राधे-राधे कहकर ही पूरा होता है’

हमारा भारत हमेशा से नारीशक्ति का पूजन करने वाला देश रहा है. ये बात ब्रजवासियों से बेहतर और कौन समझ सकता है. यहां कन्हैया के नगर में भी ‘लाडली सरकार’ की ही पहले चलती है. यहां सम्बोधन, संवाद, सम्मान, सब कुछ राधे-राधे कहकर ही होता है. कृष्ण के पहले भी जब राधा लगता है, तब उनका नाम पूरा होता है. इसलिए हमारे देश में महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां भी उठाई हैं, और समाज का लगातार मार्गदर्शन भी किया है.

– भारत एक्सप्रेस

 



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