ज्ञानवापी सर्वे (फोटो-सोशल मीडिया)
Gyanvapi ASI Survey: एक बार फिर से कोर्ट में ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं हो सकी है. इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने वाराणसी जिला अदालत से 21 दिन का और समय मांगा है. ताकि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की अपनी वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को जमा कर सके. बता दें कि सोमवार यानी 28 नवम्बर को एएसआई को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इससे पहले एएसआई को रिपोर्ट सौंपने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया गया था लेकिन तब 15 दिन का और समय मांगा गया था. सम्बंध में हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने मीडिया को बताया कि, सर्वे की तकनीकी रिपोर्ट न आ पाने के कारण एएसआई ने और समय मांगा.
गौरतलब है कि ASI ने ज्ञानवापी परिसर का गहन सर्वेक्षण किया है, जो वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब है. इस सर्वे के माध्यम से एएसआई ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या 17वीं शताब्दी में बनी मस्जिद एक पुराने हिंदू मंदिर के शीर्ष पर बनाई गई थी. इससे पहले एएसआई ने 2 नवंबर को कोर्ट को बताया था कि, उसने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है, लेकिन सर्वेक्षण कार्य में उपयोग किए गए उपकरणों के विवरण के साथ रिपोर्ट संकलित करने में कुछ और समय लग सकता है. इसी के बाद दस्तावेज जमा करने के लिए कोर्ट ने 17 नवंबर तक का अतिरिक्त समय दिया था और फिर पिछले हफ्ते सुनवाई करते हुए, जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने 28 नवम्बर को एएसआई को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था.
6 अक्टूबर को देनी थी रिपोर्ट
गौरतलब है कि, इससे पहले एएसआई को 6 अक्टूबर तक सर्वे रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन फिर बाद में तीन नवंबर तक इसे जमा करने का निर्देश दिया गया था. बीते 21 जुलाई को जिला अदालत एएसआई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर चार अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था. मालूम हो कि, 24 जुलाई को सर्वे शुरू होने के बाद पहले उच्चतम न्यायालय और फिर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से तीन अगस्त तक काम रुका रहा. इसके बाद कोर्ट से एएसआई ने सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का और समय मांगा था. इसी के बाद वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई की मांग पर पांच अगस्त को सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए चार हफ्ते का और समय दे दिया था. फिर एएसआई की मांग पर कोर्ट ने आठ सितंबर को एक बार फिर से सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का समय और दिया था.
-भारत एक्सप्रेस