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MP Election Results: ‘मामा’ नहीं तो सीएम कौन? मध्य प्रदेश में बंपर जीत की ओर BJP

ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहले दिली तमन्ना है कि वो मध्य प्रदेश के सीएम बने. इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी को भी छोड़ा था. वहीं. जिस तरह से सिंधिया ने सीएम शिवराज से मुलाकात की ऐसे में शक यकीन में इसलिए बदलता हुआ दिख रहा है कि कहीं न कहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम सीएम पद के लिए चल रहा है.

शिवराज सिंह चौहान

MP Election Results: बीजेपी ने मध्य प्रदेश में भारी बढ़त हासिल कर ली है और पार्टी की नजर एक बार फिर सरकार बनाने पर है. रविवार को शुरुआती रुझानों के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने दावा किया कि बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाएगी. चौहान ने कहा, “मोदी जी एमपी के मन में हैं और मोदी जी के मन एमपी में हैं. उन्होंने यहां सार्वजनिक रैलियां कीं और लोगों से अपील की और इसने लोगों के दिलों को छू लिया.”

उन्होंने कहा कि ये रुझान उसी का परिणाम हैं. डबल इंजन सरकार ने सही ढंग से काम किया.” केंद्र सरकार की योजनाएं और यहां बनी योजनाएं भी लोगों के दिलों को छू गईं. बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा क्योंकि लोगों का हमारे प्रति प्यार हर जगह दिखाई दे रहा है.” बीजेपी ने सारे पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए एमपी के 230 में से 164 पर बढ़त बानई है. वहीं कांग्रेस के खाते में 63 सीटें जाती दिख रही हैं. अब जब बीजेपी राज्य में सरकार बनाने की ओर अग्रसर है तो सवाल उठता है कि अगर सीएम शिवराज सिंह चौहान नहीं होंगे तो और कौन होगा?

बता दें कि शुरुआती रुझानों के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भोपाल में मौजूदा सीएम चौहान के आवास पर पहुंचे. चौहान के घर के बाहर मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने इसका श्रेय शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को दिया. उन्होंने कहा, ”हम जानते थे कि जहां तक मध्य प्रदेश का सवाल है, हमारी डबल इंजन सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को देखते हुए जनता का आशीर्वाद हमारे साथ रहेगा. मुझे विश्वास है कि उनका आशीर्वाद भाजपा के साथ रहेगा और हम सरकार बनाएंगे” पूर्ण बहुमत वाली सरकार.”

यह भी पढ़ें: Rajasthan Election 2023: भाजपा की लहर के बीच राजस्थान में कैसा रहा आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन?

सीएम पद की रेस

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को पार्टी के सीएम चेहरे के रूप में पेश किया है. मध्य प्रदेश में स्पष्ट जीत की उम्मीदों के साथ, सीएम शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर शीर्ष पद पाने की उम्मीद कर रहे हैं. बुधनी सीट से आगे चल रहे चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले मुख्यमंत्री हैं. यदि भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करती है और उसे सरकार बनाने के लिए कहा जाता है, तो चौहान उम्मीद कर सकते हैं कि भाजपा के शीर्ष नेता पहली बार उन्हें चुनेंगे. मध्य प्रदेश में पिछले 20 में से 18 साल बीजेपी सत्ता में रही है.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि बीजेपी अपनी बहुप्रतीक्षित योजनाओं ‘लाडली बहना’ और ‘सीएम किसान निधि’ का भरपूर फायदा उठा रही है. दोनों योजनाओं ने हाल ही में लाखों मतदाताओं को लाभान्वित किया और बहुत लोकप्रिय रही हैं.

वहीं, अगर प्रदेश में शिवराज सिंह सीएम नहीं बनते हैं, तो उसकी जगह कुर्सी कौन संभालेंगे जो सबसे बड़ा सवाल है ? दावा किया जा है इस लिस्ट में शिवराज के ऊपर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पार्टी के कद्दावर नेता और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हैं. आइए जानते हैं इनमें से सबसे ज्यादा संभावना किसके सीएम बनने की हो सकती है. हालांकि, बीजेपी सरप्राइज देने में बहुत विश्वास रखती है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहले दिली तमन्ना है कि वो मध्य प्रदेश के सीएम बने. इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी को भी छोड़ा था. वहीं. जिस तरह से सिंधिया ने सीएम शिवराज से मुलाकात की ऐसे में शक यकीन में इसलिए बदलता हुआ दिख रहा है कि कहीं न कहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम सीएम पद के लिए चल रहा है. हालांकि, इसका फाइनल फैसला आना अभी बाकी है.

कैलाश विजयर्गीय

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक और नाम काफी चर्चाओं में है. वो नाम पार्टी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय का है. विजयवर्गीय नाम सीएम पद के लिए उस वक्त चर्चा मे जब पार्टी उन्हें विधानसभा में चुनाव लड़ाने का फैसला किया. लेकिन विजयवर्गीय ने इन चीजों का बहुत फायदा उठाया और लगातार ऐसे बयान देने लगे जैसे लगा वही आने वाले वक्त ( 2023 ) में प्रदेश के सीएम होंगे. उन्होंने एक बार कहा भी था कि वो यहां पर सिर्फ विधायक बनने नहीं आए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

 



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