पंचमुखी हनुमान जी की महिमा
Panchmukhi Hanuman Ji: ‘संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा’, हनुमान चालीसा की ये लाइन बताती है कि जो लोग हनुमान जी का हर घड़ी स्मरण करते रहते हैं, उनकी सभी दुख और बाधाएं दूर होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का एक रुप ऐसा भी है जिसके दर्शन मात्र से सभी तरह की विपदा दूर होती है. हनुमान जी के इस रुप को पंचमुखी हनुमान के नाम से जाना जाता है.
माना जाता है कि हनुमान जी ने यह अवतार अहिरावण को मारने के लिए लिया था, जोकि रावण का भाई था. तब से लेकर आज तक पंचमुखी हनुमान जी की पूजा का विधान है. हनुमान जी के इस अवतार में प्रथम मुख वानर, द्वितीय गरूड़, तृतीय वराह, चतुर्थ अश्व और पंचम नृसिंह का है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रत्येक मुख की अपनी विशेष महत्ता है.
कैसे करें पंचमुखी हनुमान जी की पूजा
मान्यता है कि पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर जिस घर में होती है वहां नकारात्मक शक्तियां कभी पास नहीं आतीं. उस घर में रहने वाले लोगों को किसी तरह की उपरी बाधाएं नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. अगर घर में किसी तरह का वास्तु दोष हो तो वह भी दूर होता है. इसके अलावा मंगल, पितृ और शनि दोष भी दूर होते हैं. लेकिन इस बात को जानना भी बहुत जरूरी है कि उनकी प्रतिमा या तस्वीर किस दिशा में और कहां पर लगाया जाए. वास्तु शास्त्र की मानें तो पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर या प्रतिमा लगाने के लिए घर का दक्षिण-पश्चिमी कोना सबसे उपयुक्त है.
अगर हनुमान जी की यह तस्वीर लगा रहे हों तो उसे इसी दिशा की दीवार पर लगाएं. हनुमान जी के घर में आते ही सभी तरह के दोष दूर होने लगते हैं. पूजा करते समय हनुमान जी को बेसन के लड्डू या गुड़ और चने का भोग लगाएं और प्रतिदिन सुंदरकाण्ड या हनुमान चालीसा का पाठ करें. अगर पंचमुखी हनुमान जी आप की भक्ति से प्रसन्न हो गए तो आपको अपने शत्रुओं पर विजय, लंबी उम्र, प्रसिद्धि और बुरे कर्मो से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा आप चाहें तो मंदिर में जाकर भी हनुमान जी के इस रुप की आराधना कर सकते हैं.
–भारत एक्सप्रेस
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