बृजभूषण शरण सिंह के साथ संजय सिंह की एक तस्वीर
WFI Chief Sanjay Singh: सासंद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को WFI का अध्यक्ष चुना गया है. इसके बाद से लगातार पहलवानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. संजय सिंह के चुनाव जीतने के बाद ही साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, फोगाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका विरोध किया था. साक्षी मलिक ने संजय सिंह का विरोध करते हुए कुश्ती से सन्यांस का ऐलान कर दिया था. यहां तक कि उन्होंने तो अपने जूते उतार कर टेवल पर रख दिए थे. वहीं इसके अगले दिन पहलवान बजरंग पूनिया ने पद्मश्री पुरस्कार को प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर वापस कर दिया.
वहीं इस मामले पर अब खुद WFI के अध्यक्ष संजय सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने पहलवालों के विरोध और उनके लिए गए फैसलों को निजी बताया है.
‘बृजभूषण के करीबी होना कोई अपराध तो नहीं है’
WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि अगर मैं बृज भूषण शरण सिंह करीब हूं तो क्या यह अपराध है? वहीं अपने साक्षी मलिक के सन्यांस की घोषणा और बजरंग पूनिया के सम्मान वापस करने पर कहा कि जो लोग एथलीट हैं उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है और जो लोग राजनीति में आना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं. यह उनका निजी मामला है. मैं मामले पर टिप्पणी नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं 12 साल से महासंघ में हूं. उन्होंने कहा कि अगर में सांसद बृज भूषण सिंह का करीबी हूं तो उसका यह मतलब नहीं है कि मैं एक डमी उम्मीदवार हूं. अगर मैं उनके करीब हूं तो क्या यह अपराध है?
बजरंग पूनिया ने कही थी यह बात
वहीं पुरस्कार लौटाने के बाद बजरंग पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम बहन-बेटियों की लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन मैं उन्हें सम्मान नहीं दिला पाया. इसलिए मैंने यहां गेट पर अपना मेडल रख दिया है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मैं पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दे दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक पहुंचा दे.