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Ayodhya Ram Mandir: नवरत्नों के सुमेरू पर्वत पर विराजेंगे रामलला, काशी में हुआ तैयार

UP News: सुमेरू पर्वत का निर्माण हीरा, पन्ना और माणिक्य जैसे बहुमूल्य रत्नों से किया गया है. भगवान राम के मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को भव्य बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.

रामलला- फोटो सोशल मीडिया

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राममंदिर के उद्घाटन को लेकर तैयारी जोरों पर है. 22 जनवरी को होने वाले भव्य कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अतिथियों के लिए सभी व्यवस्था की जा रही है. तो वहीं एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां राम मंदिर के गर्भगृह में नवरत्नों से निर्मित सुमेरू पर्वत पर रामलला को विराजमान कराया जाएगा. बताया जा रहा है कि, सुमेरू पर्वत का निर्माण हीरा, पन्ना और माणिक्य जैसे बहुमूल्य रत्नों से किया गया है. भगवान राम के मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को भव्य बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, जब रामलला की प्राणप्रतिष्ठा हो जाएगी, इसके बाद उनको नवरत्नों के सुमेरू पर्वत पर विराजमान कराया जाएगा. इस सुमेरू पर्वत को काशी में कुशल कारीगारों से तैयार कराया गया है.

खबरों के मुताबिक, सुमेरू पर्वत के निर्माण में नवरत्नों हीरा, पन्ना, नीलम, मोती, पुखराज, मूंगा, गोमेद, रूबी और लहसुनिया के साथ ही सोना लगाया गया है. तो वहीं सुमेरू पर्वत के साथ ही काशी से सप्तधान्य और सप्तमृतिका भी अयोध्या भेजी गई है. इन सभी चीजों को लेकर पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ व काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारी अयोध्या पहुंच चुके हैं. बता दें कि, पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने ही राममंदिर व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकाला है और उन्होने ही रामलला के विग्रह को नवरत्नों के सुमेरू पर्वत पर विराजमान कराने की सलाह दी थी.

सुमेरू पर्वत की जानें खासियत

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, सुमेरू पर्वत में दो कैरेट से ऊपर हीरा के साथ ही पन्ना, नीलम, मोती, पुखराज, मूंगा, गोमेद, रूबी और लहसुनिया का इस्तेमाल किया गया है. तो वहीं सप्तमृतिका के तहत काशी के देवालयों की मिट्टी, अश्वालय, गोशाला, वेश्यालय, यज्ञशाला, गंगा और खेत की मिट्टी भेजी गई है और सप्तधान्य में सप्तऋषियों के प्रतीक सप्तधान्य में जौ, तिल, चावल, मूंग, कंगनी, चना और गेहूं को शामिल किया गया है.

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प्राणप्रतिष्ठा के लिए देश भर से पहुंच रही हैं ये सामग्री

120 किलो की घंटी भी अयोध्या आने वाली है. तमिलनाडु के नामक्कल से 42 घंटियां भेजी जा रही हैं, जिसमें एक का वजन 120 किग्रा है.
रामलला के ननिहाल छत्तीसगढ़ से तीन हजार क्विंटल चावल अयोध्या भेजा जा रहा है. 11 ट्रक चावल भेजे जा चुके हैं.
तो वहीं भगवान श्रीराम के ससुराल नेपाल के जनकपुर से मेवा, फल, मिठाइयां व वस्त्र-आभूषणों से सजे 1100 थाल भेजे जा रहे हैं जो कि 5 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएंगे.
गुजरात के वडोदरा से गाय के गोबर से तैयार 108 फुट लंबी अगरबत्ती भी अयोध्या भेजी जा रही है.
एटा जिले में बना अष्टधातु का 21 किलो का 6 फुट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा घंटा भी अयोध्या के राम मंदिर में लगेगा.
नर्मदा, बेतवा, चंबल, ताप्ती, सतलुज, नेपाल की गंडक, इंद्रावती व सुनकोशी नदी का जल भी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए एकत्र किया जा रहा है.

-भारत एक्सप्रेस



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