आरिफ मोहम्मद खान और वृंदा करात (फाइल फोटो)
Kerala News: गैर बीजेपी शासित राज्यों में सरकारों और राज्यपालों के बीच टकराव जारी रहा है. दिल्ली से लेकर कर्नाटक हिमाचल आंध्र प्रदेश में यह बवाल आए दिन होता है. वहीं इस बवाल में एक अहम राज्य केरल भी है. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पिनाराई विजयन के बीच टकराव की स्थिति रहती ही है. इस बीच अब आरिफ मोहम्मद खान को वृंदा करात से चुनौती मिली है. वृंदा करात ने यह तक कह दिया है कि आरिफ मोहम्मद खान को चुनाव लड़ लेना चाहिए.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य, पार्टी वृंदा करात ने मंगलवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केरल के राज्यपाल के लिए सीधे चुनावी राजनीति में आना अधिक उचित होगा.
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, “विश्वविद्यालय विधेयक धन विधेयक है, धन विधेयक को राज्यपाल की पूर्व अनुमति के बिना विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है. वे धन विधेयक थे, क्योंकि यदि आप राज्यपाल को हटाते हैं और व्यक्तिगत चांसलर नियुक्त करते हैं, तो कुछ खर्चों की जांच की जाएगी और फिर आपको राज्यपाल की सहमति की आवश्यकता होती. मैंने केरल सरकार से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं कर रहें.
सीपीएम नेता वृंदा करात ने कहा है कि अगर माननीय राज्यपाल को सीधे राजनीति में आने में इतनी दिलचस्पी है, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए, क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए यह उनकी राजनीतिक समझ का हिस्सा होगा. इस दौरान उन्होंने कहा है कि शायद केरल के राज्यपाल के लिए सीधे चुनावी राजनीति में आना ज्यादा बेहतर होगा. भाजपा का टिकट लें और केरल की किसी भी सीट पर चुनाव लड़ें। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.
बता दें कि पूर्व राज्यसभा सांसद वृंदा करात ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि जो भी मुद्दा है, माननीय राज्यपाल को उस पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करनी चाहिए, जो राज्यपाल के पद को अपमानित करते हैं और चुनी हुई सरकार की भूमिका को भी अपमानित करते हैं। उन्हें हर दिन सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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