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Gyanvapi Case: व्यास जी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त, DM को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी, 25 को होगी सुनवाई, कोर्ट ने द‍िए ये न‍िर्देश

Varanasi: वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट से कहा था कि, ज्ञानवापी के दक्षिण की ओर से स्थित इमारत में तहखाना है.

ज्ञानवापी सर्वे (फोटो-सोशल मीडिया)

Gyanvapi Case: वाराणसी ज्ञानवापी मामले में बड़ा अपडेट सामने आ रहा है. पं. सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की ओर से की गई मांग के बाद बुधवार को कोर्ट ने वाराणसी जिलाधिकारी (DM) को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी का तहखाने का रिसीवर नियुक्त कर दिया है. यह फैसला जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने किया है. उन्होंने मुकदमे की सुनवाई के दौरान तहखाने को अपनी अभिरक्षा और नियंत्रण में लेकर उसे सुरक्षित रखने का भी निर्देश दे दिया है. तो दूसरी ओर कोर्ट ने मामले में पक्षकार बनने के लिए 1991 के स्वयंभू आदिविश्वेश्वर मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है. फिलहाल अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 25 जनवरी की तारीख तय की है.

1993 तक होता रहा पूजा -पाठ

गौरतलब है कि, पं. सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने तहखाने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपने की मांग की थी. इस सम्बंध में शैलेंद्र कुमार पाठक के वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत से कहा था कि, ज्ञानवापी के दक्षिण की ओर से स्थित इमारत में तहखाना है. उन्होंने ये भी बताया था कि, यह प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी है. यहां उनका परिवार 1993 तक पूजा-पाठ करता था. पूरे परिसर की बैरिकेडिंग के बाद उनके परिवार के तहखाने में जाने व धार्मिक कार्य आदि पर रोक लगा दी गई थी.

इस कारण तहखाने में होने वाले राग-भोग आदि संस्कार भी बंद हो गए थे. विष्णु शंकर जैन ने ये भी कहा था कि, इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि, वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यास जी का ब्रिटिश शासनकाल में भी वहां कब्जा था और उन्होंने दिसंबर 1993 तक वहां पूजा-अर्चना की है. साथ ही अधिवक्ता ने ये भी दावा किया कि, वादी को यह भी ज्ञात हुआ है कि तहखाने का दरवाजा हटा दिया गया है.

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ये की गई थी मांग

इसी के साथ ही अधिवक्ता ने ये भी कहा था कि, हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्रियां तहखाने मे हैं. अधिवक्ता ने आगे कहा कि, राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बगैर किसी विधिक अधिकार के तहखाने के भीतर दिसंबर 1993 से पूजा करने पर रोक लगा दी. विष्णु शंकर जैन ने ये भी कहा था कि, व्यास परिवार से जुड़े होने के लिहाज से वादी को वहां पूजा-पाठ, धार्मिक कार्य आदि करने का अधिकार है.

ये जताई गई आशंका

इसी के साथ ही अधिवक्ता ने आशंका जताई है कि, पं. सोमनाथ व्यास जी के तहखाने पर मस्जिद पक्ष कब्जा कर सकता है. इसलिए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में नंदी जी के सामने की बैरिकेडिंग को हटाया जाए और जिलाधिकारी या उनकी ओर से नियुक्त किसी व्यक्ति को तहखाना सौंपा जाए. साथ ही वहां पूर्व की भांति आने-जाने और पूजा-पाठ करने का अधिकार दिया जाए.

गलत हुआ है आदेश

तो वहीं इस मामले में एसएम यासीन, संयुक्त सचिव, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से बयान सामने आया है कि, अदालत के आदेश की जानकारी अभी हमें नहीं है. यदि कोई ऐसा आदेश हुआ है तो वह गलत है. आदेश की कॉपी मिलने के बाद तय किया जाएगा कि आगे क्या करना है.

वजूखाने की होगी सफ़ाई

वहीं व्यास जी तहख़ाने के अलावा जल्द ही ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने की सफाई कराए जाने की भी खबर सामने आ रही है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद जिला प्रशासन ने आज हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के साथ बैठक की. इसी के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि, शनिवार को वजूखाना टैंगो की सफ़ाई की जाएगी. मुस्लिम पक्ष ने जिला प्रशासन को चिट्ठी लिखकर वजूखाने में गंदगी की वजह से मछलियों के मरने की शिकायत की थी.

-भारत एक्सप्रेस

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