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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले भले ही अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग को लेकर 11 सीटों का दावा किया हो लेकिन अभी भी यूपी कांग्रेस के तमाम नेता हैं जो अखिलेश यादव के बयान से खुश नहीं हैं. बल्कि कांग्रेस के कई नेता तो किसी तरह की बैठक से ही इंकार कर रहे हैं, जिसमें सीट शेयरिंग को लेकर फैसले की बात अखिलेश कर रहे हैं. बता दें कि कल सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक ट्वीट शेयर करते हुए यूपी में कांग्रेस को 11 सीटें देने पर सहमति की बात कही है तो इसी के बाद हक्के-बक्के कांग्रेस नेताओं का बयान सामने आना शुरू हो गया था.
इस सम्बंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि इसको लेकर उनको कोई जानकारी ही नहीं है. इसी के साथ ये भी कहा है कि, कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के सदस्य अशोक गहलोत सपा अध्यक्ष से सीधे संपर्क में हैं. इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, सीट बंटवारे को लेकर जो भी समझौता होगा वह कांग्रेस,सपा और इंडिया गठबंधन के लिए फायदेमंद होगा. तो वहीं शनिवार को अखिलेश यादव ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि, “कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है. ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा.‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी. इसी के बाद से कांग्रेस नेताओं की ओर से लगातार बयान सामने आ रहे हैं. यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि, उनको इसके बारे में पता ही नहीं है.
तो वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने अखिलेश के इस ट्वीट को लेकर कहा है कि, “अभी तो सीट बंटवारे पर बातचीत ही चल रही है. वैसे भी सीट शेयरिंग की घोषणा कांग्रेस करेगी.” अजय राय के इस बयान के बाद से ये माना जा रहा है कि, यूपी कांग्रेस अखिलेश यादव की बात से सहमत नहीं है. दूसरी ओऱ ये भी साफ दिखाई दे रहा है कि अखिलेश ने मानो बिना कांग्रेस की सहमति के ही सीट शेयरिंग की बात की घोषणा कर दी हो. फिलहाल यूपी में सीट शेयरिंग की कांग्रेस और सपा के बीच की रार अभी थमती दिखाई नहीं दे रही है. तो वहीं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि सपा के साथ एक और बैठक होनी है. बात नहीं बनी तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे अखिलेश यादव के साथ बात करेंगे.
कांग्रेस कर रही है 25 सीटों की मांग
जहां एक ओर अखिलेश का दावा है कि यूपी में कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बन गई है तो वहीं कांग्रेस के तमाम नेता इस बात को खारिज कर रहे हैं और 25 सीटों की मांग कर रहे हैं. सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच दिल्ली में तीन दौर की बैठकें हो चुकी है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस 25 सीटों की मांग कर रही थी. हालांकि 11 सीटों पर बात फाइनल हो गई है. वर्तमान में कांग्रेस के पास यूपी में रायबरेली की ही एकमात्र लोकसभा सीट है. बताया जा रहा है कि, सीटों को लेकर हुई इन बैठकों में कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा मौजूद रहीं तो दूसरी ओर सपा की ओर से रामगोपाल यादव, जावेद अली खान और उदयवीर सिंह उपस्थित रहे. सूत्रों के मुताबिक जीत की सम्भावनाओं को टटोलते हुए एक-एक सीट को लेकर चर्चा की गई है.
इन सीटों पर मैदान में उतर सकता है कांग्रेस
अगर सूत्रों की मानें तो कांग्रेस रायबरेली और अमेठी के अलावा प्रतापगढ़, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, इलाहाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद की सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. तो वहीं ऐसा कहा जा रहा है कि, पूर्वी यूपी की अधिकतर सीटें सपा के ही पास रहेंगी. तो वहीं अगर पिछले चुनावों का कांग्रेस का प्रदर्शन देखा जाए तो बहुत अच्छा नहीं रहा है. 2009 में कांग्रेस ने 69 सीटों पर चुनाव लड़ा और 21 सीटें जीतीं तो वहीं इस चुनाव में सपा 75 पर लड़कर 23 और बसपा 69 पर लड़ी और 20 सीटें जीतीं थी. तो वहीं 2014 में कांग्रेस 67 पर लड़कर सिर्फ दो सीट जीत सकी थी तो वहीं सपा 75 में पांच और बसपा 80 पर लड़ी और एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. 2019 की बात करें तो सपा- बसपा का गठबंधन था और कांग्रेस 67 पर अकेले लड़ी और सिर्फ रायबरेली पर ही जीत हासिल कर पाई थी. तो वहीं सपा 37 पर लड़ी और पांच जीती, जबकि बसपा 38 पर लड़ी और 10 सीटों पर जीत हासिल की थी तो वहीं रामपुर और आजमगढ़ हारने के बाद सपा के सिर्फ तीन सांसद ही अब रह गए हैं.
सपा ने शुरू किया जन पखवाड़ा
तो वहीं शुक्रवार को ही सपा के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि, कांग्रेस पर छोटे दलों को साथ लेकर चलने की बड़ी जिम्मेदारी है. बता दें कि शुक्रवार को अखिलेश ने समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित ‘पीडीए’ जन पंचायत पखवाड़े की शुरुआत की. कन्नौज के ग्राम फकीरे पुरवा से इसको शुरू किया गया है. उन्होंने जन पंचायत में ग्रामवासियों से बिजली व्यवस्था और सड़क आदि मुद़्दों पर चर्चा की.
-भारत एक्सप्रेस
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