कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सीएम नीतीश कुमार
Nitish Kumar: एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार बुधवार (31 जनवरी) को अचानक पुलिस मुख्यालय पहुंच गए. यहां उन्होंने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और अपराध पर लगाम लगाने के निर्देश दिए. बीजेपी इससे पहले महागठबंधन सरकार पर प्रदेश में अपराध को लेकर हमले बोल रही थी. जबकि नीतीश कुमार सुशासन की सरकार के लिए जाने जाते हैं.
इससे बढ़कर फालतू चीज क्या हो सकती है?
पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के बाद नीतीश कुमार जब बाहर निकले तो उन्होंने मीडिया से बात की. इस दौरान सीएम से जब सवाल किया गया कि राहुल गांधी बोल रहे हैं कि बिहार में जातीय जनगणना उनके कहने पर की गई है, इसपर नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि इससे बढ़कर फालतू चीज क्या हो सकती है? जातीय जनगणना की शुरुआत कब हुई थी? सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 9 पार्टियों को उन्होंने बुलाया था. 2019 और 2020 में विधानसभा चुनाव और विधान परिषद के चुनाव में सब जगह ये बातें हम कहते थे. इन लोगों ने कहा था कि अभी जातीय जनगणना को लेकर कुछ नहीं करेंगे. कोई अपना क्रेडिट झूठ का लेता है. छोड़िए ये सब बातें.
इसकी कोई खास जानकारी नहीं है
वहीं सीएम नीतीश कुमार ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को लेकर कहा कि क्या हो रहा है,ये आप लोग जानते हैं. इस मामले की जांच हो रही है, जो खबरें आती हैं, उसी को देखते हैं हम. इसकी कोई खास जानकारी नहीं है. इस मामले को किसी से हमने नहीं पूछा है. हम सिर्फ बिहार के विकास के बारे में सोच रहे हैं. 2007 से लेकर अब तक कितना ज्यादा काम हुआ है.
राहुल गांधी ने दिया बयान
बता दें कि राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने मणिपुर से 14 जनवरी को थी. ये यात्रा बिहार पहुंची थी. जहां उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर बयान दिया था. यात्रा 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी. राहुल गांधी ने कहा था कि जातीय जनगणना कांग्रेस और आरजेडी के दबाव के बाद कराई गई. अब क्या हुआ, दूसरे साइड से प्रेशर आया और नीतीश कुमार बदल गए.
-भारत एक्सप्रेस
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