Harda Factory Blast: इंदौर के हरदा में हुए भीषण हादसे के बाद प्रशासन अब नींद से जाग उठा. जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर ने जिले में अलर्ट जारी किया है. वहीं अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा गया है कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण करे और फैक्ट्री (पटाखा) में जाकर जांच करें. कलेक्टर के इस निर्देश के बाद अधिकारियों ने सक्रियता दिखाते हुए पटाखा फैक्ट्री में जाकर जांच की. वहीं जांच के दौरान यह पाया गया कि सुरक्षा को लेकर सावधानी नहीं बरती गई है. निरीक्षण के दौरान सुरक्षा मानकों में गड़बड़ी पाई जाने पर 4 फैक्ट्री को सील कर दिया है. लेकिन क्या प्रशासन पहले इतना मुस्तैद नहीं हो सकता था कि जिससे अगर इतना बड़ा हादसा होता ही नहीं.
हर तरफ तबाही का मंजर, क्यों था प्रसाशन बेखबर?
पटाखा फैक्ट्री के अंदर भीषण आग लगने के बाद से ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मलबा हटाने के काम में लगी हुई हैं. हरदा में हुए इस हादसे में 11 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है और 170 से ज्यादा लोग घायल हो गए है. वहीं हादसे वाली जगह पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें कूलिंग ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं और घटना स्थल से मलबा हटा रही हैं.
किसी ने खोया भाई तो किसी ने बेटा
हादसे के बाद जो दर्दनाक खबरे निकल कर आ रही हैं वो दिल दहलाने वाली हैं. किसी ने इस बड़ी घटना में अपना भाई खोया तो किसी ने पति. एक स्थानीय निवासी रवि चंदेले ने मीडिया को अपना दर्द बयान करते हुए बताया, “जब विस्फोट हुआ तब मैं काम पर था. मेरे परिवार के सदस्य घर पर थे। इस घटना में मैंने अपने बड़े भाई और भाभी को खो दिया। मेरा घर भी जलकर राख हो गया है.”
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सीएम ने ली उच्चस्तरीय बैठक
भीषण हादसे में सीएम मोहन यादव ने उच्चस्तरीय बैठक लिया है. जिसमें पूरे प्रदेश के कलेक्टर शामिल थे. मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि जिले में जहां-जहां पटाखा फैक्टरी है वहां पूरी सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है या नहीं. हालांकि आखिर हरदा हादसे मे रिहायशी इलाके में फैक्ट्री की मजूरी से लेकर तमाम सवाल सामने आ रहे हैं.
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