दिल्ली हाई कोर्ट
Delhi High Court:दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते दिन 39 अस्पतालों मे सुविधाओं की कमी पर सख्त नाराजगी जताई है. अदालत ने दिल्ली सरकार की इस रिपोर्ट पर संज्ञान लिया जिसमें बताया गया है कि दिल्ली के सभी 39 सरकारी अस्पतालों में मात्र 6 सीटी स्कैन मशीनें हैं. इतना ही नहीं अस्पतालों में सैकड़ों पद खाली पड़े हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि शहर के 3 करोड़ नागरिकों के लिए दिल्ली सरकार के अस्पतालों में केवल 6 सीटी स्कैन मशीनें हैं. आदालत ने स्वास्थय सेवाओं के बुनियादी ढांचें में सुधार और रिक्तियों को भरने पर अधिकारियों को ध्यान देने के लिए कहा है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की ओर से दी गई स्थिति रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और दवाओं की कमी सहित कई कमियां सामने आईं हैं. रिपोर्ट में दावा किया कि जब भी अस्पताल के कर्मचारियों के साथ बैठकें बुलाईं, दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव नहीं आए. हालांकि अदालत में मौजूद स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार किया.
अस्पतालों में बुनियादी सुविधा को लेकर HC करेगा सुनवाई
दिल्ली की अदालतों में बुनियादी सुविधा को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट आज यानी 9 फरवरी को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि लोगों की जान इसलिए जा रही है क्योंकि सुविधाओं और कर्मचारियों की कमी के कारण सरकारी अस्पतालों में उनकी देखभाल नहीं की जा रही है. दिल्ली सरकार द्वारा संचालित 39 अस्पताल हैं. कोर्ट सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर और वेंटिलेटर सुविधा की अनुपलब्धता के मुद्दे पर 2017 में स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
कई जगह 75 पद खाली
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, मौजूदा समय में अस्पतालों में डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पदों के 33 प्रतिशत से अधिक रिक्त हैं. कई विशेषज्ञताओं में 75 स्वीकृत पद खाली हैं और पैरामेडिक्स में 20 से अधिक खाली पड़े हैं. उन्होंने एलजी से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को अनुबंध के आधार पर रिक्त स्वीकृत पदों पर डॉक्टरों और पैरामेडिक्स को नियुक्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया.
-भारत एक्सप्रेस
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