फोटो-सोशल मीडिया
Farmers Protest: किसान आंदोलन को लेकर नोएडा पुलिस अलर्ट हो गई है और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी बॉर्डर पर CCTV से लगातार नजर रखी जा रही है. तो वहीं नोएडा की यातायात व्यवस्था सम्भालने के लिए 500 ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं. इसी के साथ ही सीसीटीवी पर भी लगातार नजर बनाई जा रही है. आम जनता को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए नोएडा ने दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय बनाया है. किसानों के आंदोलन को देखते हुए नोएडा पुलिस और PAC को तैनात किया गया. इसी के साथ ही जो लोग दिल्ली जा रहे हैं उनसे मेट्रो का इस्तेमाल करने की अपील की गई है. तो दूसरी ओर कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और दिल्ली जाने वाले कमर्शियल वाहनों को रोक दिया जाएगा.
बता दें कि, 13 फरवरी से 16 फरवरी तक किसान दिल्ली कूच करने का ऐलान कर चुके हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में नोएडा से होते हुए किसान दिल्ली की तरफ जाएंगे. इसको लेकर नोएडा से लेकर दिल्ली पुलिस तक अलर्ट हो गई है. 26 किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच और 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया गया है. किसानों के प्रदर्शन को लेकर डीसीपी ट्रैफिक अनिल यादव ने मीडिया को जानकारी दी कि, संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा समेत 26 किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने की घोषणा की है. अब 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान कर दिया है. किसानों के आव्हान के बाद चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात रहेगा. मीडिया सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक, नोएडा पुलिस की चिल्ला बॉर्डर और कालंदीकुंज बॉर्डर पर विशेष निगरानी बढ़ा दी है.
लागू कर दी गई हैं यातायात पाबंदियां
किसानों ने दिल्ली में 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’की घोषणा की है. किसानों के इस मार्च को लेकर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इसी के साथ ही तमाम यातायात पाबंदियां भी लागू कर दी गई है. इसी के साथ ही पुलिस ने तमाम तैयारियां भी की हैं. वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गई है.
इसलिए किसानों ने किया है दिल्ली चलो का आह्वान
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के साथ ही हरियाणा और पंजाब के किसान संघों ने फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी तमाम मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है और इसी के तहत 13 फरवरी को मार्च का आह्वान किया है. बता दें कि ऐसी ही तमाम मांगों को लेकर साल 2021 में किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था. इसमें एक शर्त एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाना था जो अभी नहीं हुआ है. इसी को लेकर नए सिरे से किसानों ने आंदोलन शुरू किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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