Pankaj Udhas Passes Away: गजल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है. इन्होंने 72 साल की उम्र में आज अंतिम सांस ली. इनके निधन के बारे में नायाब उधास (पंकज उधास की बेटी) ने सोशल मीडिया पर दुनिया को बताया. अब हर गजल प्रेमी की आंखें नम हैं…उनके चाहने वाले लोग गमजदा हैं. सोशल मीडिया पर हजारों लोग प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास को याद कर रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नायाब उधास ने लिखा- “बहुत दुख के साथ हमें यह बताना पड़ रहा है कि पद्म श्री पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया है. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा.
2006 में किया गया था पद्म श्री से सम्मानित
‘चिट्ठी आई है …’ गजल से दुनिया में प्रसिद्ध हुए पंकज उधास को साल 2006 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उन्होंने साजन, नाम और मोहरा सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के तौर पर पहचान बनाई.
इन गजलों के जरिए हमेशा याद आएंगे पंकज उधास
नाम फिल्म में चिट्ठी आई है… गजल को पंकज उधास ने अपना स्वर दिया था. इसके अलावा उन्होंने चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल, एक तू ही धनवान है गोरी, बाकी सब कंगाल.. गजल गाकर भी लोगों के दिल में बस गए. गजल गायक पद्म श्री पंकज उधास को ‘ना कजरे की धार, ना मोतियों की हार’ गीत के जरिए भी खूब प्रसिद्धि मिथी थी. इतना ही नहीं, गजल प्रेमियों ने पंकज उधास की ‘थोड़ी थोड़ी पिया करो… को भी बहुत सराहा था जो आज भी लोगों की जुबान पर है.
पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजराज के राजकोट में हुआ था. जमीनदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज उधास तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. उनके पिता का नाम केशूभाई उधास और माता का नाम जीतूबेन था.
बचपन ने तबला वादन में थी रुचि
बचपन में पंकज उधास के तबला सीखने के लिए अकादमी में दाखिला लिया था. लेकिन, बाद में गुमाल कादिर खान ने उन्हें शास्त्रीय संगीत सिखाना शुरू किया. इसके बाद पंकज उधास गायक नवरंग नागपुरम के संरक्षण में चले गए थे. जो कि ग्वालियक घराने के प्रसिद्ध गायक थे.
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- भारत एक्सप्रेस
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