सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
UP Police Bharti 2024 Paper Leak Case: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में कथित तौर पर हुए पेपर लीक मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लगतार जांच में जुटी है. इसी क्रम में गोरखपुर और सिद्धार्थ नगर की पुलिस ने पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपियों को नेपाल की सीमा पर स्थित कोटिया बाजार एसएसबी कैंप रोड से पुलिस ने दबोचा है. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में बिट्टू कुमार यादव ,संजय कुमार गौड़, नटराज प्रजापति और जितेंद्र कुमार भारती शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक, बिट्टू पश्चिम बंगाल का निवासी है और तीन आरोपी देवरिया से हैं. एसटीएफ ने दावा किया कि आरोपियों के पास से 32 अभ्यर्थियों की मार्कशीट, तीन चैकबुक, दो पासबुक सहित साथ स्टैंप पेपर बरामद किए गए हैं.
बता दें कि 17 और 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. पेपर लीक और साल्वर को लेकर लगातार कड़ी नजर रखी जा रही थी. बावजूद इसके नकल माफियाओं ने परीक्षा में सेंध लगा दी और पेपर लीक कर दिया. इसको लेकर 18 फरवरी को ही दावे किए गए थे. सोशल मीडिया पर पेपर के कुछ स्क्रीनशॉट्स और फोटोज वायरल कर ये दावा किया गया था कि, 17 फरवरी को दूसरी शिफ्ट में आयोजित हुई यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. हालांकि तब यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड (UPPPRB) ने ट्वीट कर वायरल दावों की जांच कराने की बात कही थी और पेपर लीक के दावों का खंडन किया था, लेकिन इसके दो-तीन दिन बाद ही कुछ सबूत सामने आने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी. तभी से इस मामले में लगातार पुलिस जांच कर रही है और शातिरों की धरपकड़ जारी है.
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4 नकल माफियाओं को किया जा चुका है पहले भी गिरफ्तार
बता दें कि पेपर लीक की जानकारी सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में सेंध लगाने के लिए तमाम जुगाड़ लगाने वाले 4 नकल माफियाओं को गोरखपुर से गिरफ्तार किया था. इन लोगों के कनेक्शन बिहार और झारखंड से भी जुड़े पाए गए थे. गोरखपुर में गिरफ्तार चारों शातिरों ने पुलिस के सामने फर्जीवाड़े का खुलासा किया था और बताया था कि एडमिट कार्ड को मोबाइल पर मंगाने के बाद उसका क्लोन तैयार कर फर्जी एडमिट कार्ड पर साल्वर का फोटो लगाने के साथ ही रेटिना मैच कराकर परीक्षा केन्द्र के अंदर भेजने का काम करते थे. इसी के साथ ही नकल माफियाओं ने ये भी बताया कि अगर वे परीक्षा केंद्र के अंदर साल्वर को भेजने में सफल नहीं होते थे तो केन्द्र को मैनेज करने और फर्जी प्रश्नपत्र देकर रात भर तैयारी करवाकर भोले-भाले अभ्यर्थियों को फंसाने का काम करते थे और इसके एवज में मोटी रकम वसूलते थे.
-भारत एक्सप्रेस
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