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Lucknow: CMS संस्थापक जगदीश गांधी को घर पहुंच कर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि, परिवार से की मुलाकात

वर्तमान समय में सीएमएस की 21 शाखाओं में 62,000 से अधिक स्टूडेंट्स हैं. स्वर्गीय जगदीश गांधी की यह उपलब्धि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ‘विश्व के सबसे बड़े स्कूल’ के रूप में दर्ज है.

Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो फाइल).

Lucknow: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने CMS (सिटी मॉन्टेसरी स्कूल) के संस्थापक जगदीश गांधी को उनके लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने स्वर्गीय जगदीश गांधी की पत्नी भारती गांधी और उनके परिवार से मुलाकात की. बता दें कि 22 जनवरी 2024 को जगदीश गांधी का निधन हो गया था. जाने-माने शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डा. जगदीश गाँधी ने 87 वर्ष की आयु में मेदांता हास्पिटल में अन्तिम सांस ली थी.

मालूम हो कि, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी (Jagdish Gandhi) ने साल 1959 में सिर्फ 5 बच्चों और उधार के 300 रुपये लेकर सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) कीं नींव रखी थी. जानकारी के मुताबिक, स्टेशन रोड स्थित किराए के जिस घर में स्कूल शुरू किया, वहीं रहते भी थे. खुद ही सफाई करते और बच्चों को पढ़ाते थे. शुरू के दिनों में वह वन मैन आर्मी के रूप में जाने जाते थे. उनको जानने वाले बताते हैं कि, स्कूल चलाने के लिए सारे काम खुद करते थे. बच्चों को सबसे पहले स्लेट पर लिखवाते थे जय जगत. उनका यह सूत्र वाक्य आज भी सीएमएस की सभी शाखाओं में फॉलो किया जाता है. बच्चे जब सुबह स्कूल पहुंचते हैं तो टीचर से गुड मार्निंग कहने से पहले जय जगत कहते हैं. एक साक्षात्कार जगदीश गांधी ने बताया था कि इसका अर्थ होता है सबसे पहले पूरे विश्व की जय करो.

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गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है ये उपलब्धि

बता दें कि वर्तमान समय में सीएमएस की 21 शाखाओं में 62,000 से अधिक स्टूडेंट्स हैं. उनकी यह उपलब्धि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ‘विश्व के सबसे बड़े स्कूल’ के रूप में दर्ज है. सीएमएस के मीडिया प्रभारी द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, हाथरस स्थित सिकंदराराऊ के बरसौली गांव निवासी डॉ. जगदीश गांधी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से 1959 में वाणिज्य से स्नातक किया थी. डॉ.गांधी का रुझान पढ़ाई के दौरान राजनीति में भी रहा. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और 1958 से 1959 तक अध्यक्ष रहे. छात्रसंघ अध्यक्ष रहने के दौरान डॉ. गांधी ने स्टूडेंट्स के मुद्दों को लेकर आवाज उठाई और तमाम विद्यार्थियों स्टूडेंट्स की भलाई के लिए जमकर संघर्ष भी किया. मिली जानकारी के मुताबिक, डॉ. गांधी सिकंदराऊ सीट से 1969 में निर्दलीय विधायक भी रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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