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जलवायु कार्यकर्ता Sonam Wangchuck ने 21 दिनों से चली आ रही भूख हड़ताल खत्म की, लद्दाख के लिए की थी यह मांग

Sonam Wangchuck: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे की याद दिलाई है.

Sonam Wangchuck

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Sonam Wangchuck: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने पिछले 21 दिनों तक पानी और नमक पर जीवित रहने के बाद मंगलवार को लेह में अपना अनशन समाप्त कर दिया. वांगचुक लद्दाख की नाजुक पारिस्थितिकी और स्वदेशी संस्कृति के लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. वांगचुक 6 मार्च से शून्य से भी नीचे तापमान में ‘जलवायु उपवास’ पर बैठे थे.

इससे पहले लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस’ (KDA) के संयुक्त प्रतिनिधियों की केंद्र सरकार के साथ वार्ता में गतिरोध उत्पन्न हो गया था. ये दोनों ही संगठन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में उसे शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

वांगचुक के साथ लेह में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे क्योंकि वह पिछले तीन हफ्तों से बाहर सो रहे थे. उन्होंने लोगों से ‘राष्ट्र के हित में इस बार अपनी मत शक्ति का उपयोग बहुत सावधानी से करने’ का भी आग्रह किया.

पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य से अलग कर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पिछले चार वर्षों में यहां कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं. राज्य के दर्जे, संविधान की छठी अनुसूची में शामिल सुरक्षा के साथ ही राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मुद्दों पर उनकी चिंताओं पर गृह मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करने के लिए पिछले साल लेह और करगिल दोनों क्षेत्रों के सदस्यों के साथ एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया था. हालांकि, 4 मार्च को इन दो प्रमुख मुद्दों पर यह वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई और वांगचुक ने 6 मार्च को अपना अनशन शुरू कर दिया था.

समाप्त हो गयी भूख हड़ताल 

कारगिल में केडीए की तीन दिवसीय भूख हड़ताल भी आज शाम समाप्त हो गयी लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और केडीए बुधवार को भावी कदम की घोषणा करेंगे.

अभिनेता प्रकाश राज ने वांगचुक से की भेंट

इस बीच अभिनेता प्रकाश राज ने वांगचुक से भेंट की और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि जब सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है, तो लोगों के पास संवैधानिक अधिकारों के अनुसार एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता है.

वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कही ये बात 

सोशल साइट ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश डालकर वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे की याद दिलाई और कहा कि मोदी तो रामभक्त हैं, इसलिए उन्हें उनकी (राम की) शिक्षा ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ का पालन करना चाहिए.



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