सपा प्रमुख अखिलेश यादव
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा. ऐसे में अभी भी राजनीतिक दल उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं. इस बीच कुछ नेता दल-बदल में जुटे हैं. यूपी में भी 7 सीटें ऐसी है जहां पर भाजपा और सपा ने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है.
यूपी में कांग्रेस अपनी सुरक्षित सीटों पर अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. लेकिन सपा की कहानी तो कुछ और ही बयां कर रही है. यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन है. ऐसे में सीट शेयरिंग के तहत सपा 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. सपा में उम्मीदवारों को लेकर ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी पार्टी में उम्मीदवार से लेकर कार्यकर्ता तक सब भ्रम में है. सबको इस बात की चिंता है कि कब किसका टिकट बदल जाए. कुछ कहा नहीं जा सकता.
अखिलेश यादव की पार्टी यूपी में चुनाव से कुछ दिन पहले कुछ सीटों पर लगातार उम्मीदवारों में बदलाव कर रही है. पार्टी 8 सीटों पर उम्मीदवारों की अदला-बदली में जुटी है. पार्टी ने मेरठ में सबसे पहले भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया. फिर अतुल प्रधान का नाम फाइनल किया. अतुल प्रधान ने नामांकन कर दिया. नामांकन के 24 घंटे बाद सुनीता अतुल प्रधान को हटाकर सुनीता वर्मा को टिकट दे दिया. बागपत में भी कुछ ऐसा ही खेल हुआ. पहले जाट से मनोज चैधरी को अखिलेश ने प्रत्याशी बनाया. इसके बाद गुरुवार को अमरपाल शर्मा को टिकट दे दिया.
पीडीए के फाॅर्मूले फंसे अखिलेश
अखिलेश की यह भ्रम वाली स्थिति बदायूं सीट पर भी देखने को मिली. यहां पहले धर्मेंद्र यादव को टिकट मिला इसके बाद शिवपाल यादव को टिकट दे दिया गया. अब वहां से उनके बेटे आदित्य को टिकट देने की चर्चा हो रही है. जानकारों की मानें तो अखिलेश पीडीए के फाॅर्मूले स्वयं ही फंस गए हैं. जहां पहले वह प्रत्याशी घोषित करते हैं फिर विरोध होता है टिकट बदल देते हैं. सपा अब तक 8 प्रत्याशी बदल चुकी है. वहीं दो सीटों पर 2 बार प्रत्याशी बदल चुकी है.
मिश्रिख, बिजनौर और नोएडा में भी बदल दिए प्रत्याशी
कुछ ऐसा ही हाल मिश्रिख सीट पर है पहले 19 फरवरी को रामपाल राजवंशी को टिकट दिया गया. 16 मार्च को उनके बेटे मनोज राजवंशी को प्रत्याशी बनाया. अब मनोज की पत्नी संगीता यहां से उम्मीदवार है. वहीं बिजनौर में 15 मार्च को यशवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया गया. 24 मार्च को दीपक सैनी को टिकट दे दिया. नोएडा में 16 मार्च को महेंद्र नागर को प्रत्याशी बनाया. 20 मार्च को उनकी जगह राहुल अवाना को प्रत्याशी बनाया. 28 मार्च को एक बार फिर महेंद्र नागर को टिकट दे दिया गया.
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