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भारत ने अंटार्कटिका में खोला अपना तीसरा पोस्ट ऑफिस, MH-1718 रखा गया पिनकोड, जानें क्या है वजह

भारतीय डाक विभाग ने इतिहास रचते हुए हर तरफ बर्फ से ढके क्षेत्र वाले अंटार्कटिका में अपनी नई ब्रांच बीते 5 अप्रैल को खोली है. इससे पहले यहां 1984 और 1990 में एक-एक डाकघर स्थापित किया गया था.

post office in Antarctica

सांकेतिक तस्वीर

भारतीय डाक विभाग ने इतिहास रचते हुए हर तरफ बर्फ से ढके क्षेत्र वाले अंटार्कटिका में दक्षिणी ध्रुव के नजदीक अपनी नई ब्रांच खोली है. अंटार्कटिका में भारत का एक नया पोस्ट ऑफिस खुला है. जिसका उद्घाटन 5 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया. अंटार्कटिका में भारत के करीब 100 वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं. जिन्हें खास तोहफा देते हुए ये पोस्ट ऑफिस खोला गया है.

अटांर्कटिका में खुला तीसरा पोस्ट ऑफिस

बता दें कि इससे पहले अंटार्कटिका में दो पोस्ट ऑफिस थे. अब तीसरे पोस्ट ऑफिस की शुरुआत भारती स्टेशन पर की गई है. महाराष्ट्र सर्किल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल केके शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस पोस्ट ऑफिस का उद्घाटन किया. शर्मा ने कहा, ‘डाक विभाग ने इससे पहले 1984 में दक्षिण गंगोत्री स्टेशन पर और 1990 में मैत्री स्टेशन पर एक डाकघर स्थापित किया था. यह अंटार्कटिका में स्थापित होने वाला तीसरा डाकघर है.’

MH-1718 दिया गया है पिनकोड

सबसे दिलचस्प बात ये है कि अंटार्कटिका में जो तीसरा पोस्ट ऑफिस शुरू किया गया है, उसका पिनकोड MH- 1718 दिया गया है. जो नई ब्रांच खुलने के नॉर्म के मुताबिक है. 5 अप्रैल को पोस्ट ऑफिस का उद्घाटन इसलिए किया गया क्योंकि इस दिन नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) का 24वां स्थापना दिवस था.

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साल में एक बार कलेक्ट किए जाएंगे पत्र

अंटार्कटिक ऑपरेशंस के ग्रुप डायरेक्टर शैलेन्द्र सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पोस्ट ऑफिस भले ही सांकेतिक है, लेकिन ये पहल मील का पत्थर है. जो वैज्ञानिक वहां पर काम कर रहे हैं, उनके पास तमाम डिजिटल साधन हैं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन फिर भी ये लोग खत के माध्यम से अपने परिवार के साथ जुड़े रहते हैं. उन्होंने कहा कि साल में एक बार वहां आने वाले खतों को इक्ट्ठा करके गोवा हेडक्वार्टर भेजा जाएगा. जिसके बाद इन पत्रों को वैज्ञानिकों के परिवारों को भेजा जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

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