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JP Nadda Kundli: जेपी नड्डा के नेतृत्व में BJP लहरा पाएगी जीत का परचम? क्या कहते हैं उनके ग्रह-नक्षत्र

JP Nadda Kundli: बीजेपी अध्यक्ष नड्डा की कुंडली कुंभ लग्न की है और इनका केतु प्रथम भाग में बैठता है. यहां जानिए जेपी नड्डा की कुंडली का विश्लेषण.

J P Nadda Kundli

जेपी नड्डा की कुंडली.

JP Nadda Kundli: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान 20 मई को किया जाएगा. अब तक चार चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जिसमें अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 379 सीटों के लिए वोटिंग हो चुकी है. बाकी के तीन चरणों में मतदान होने हैं. ऐसे में लोग यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा पार्टी को कितनी सीटें दिला सकते हैं. आइए, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की कुंडली के विश्लेषण से जानते हैं कि क्या इनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जीत का परचम लहरा पाएगी? जेपी नड्डा की कुंडली के ग्रह-नक्षत्र क्या संकेत दे रहे हैं.

नेतृत्व की अपार क्षमता

जेपी नड्डा का पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा है. इनका जन्म 12 दिसंबर 1960 को पटना में हुआ था. उनकी कुंडली कुंभ लग्न की है और इनका केतु प्रथम भाग में बैठता है. अगर केतु प्रथम भाव में कारक होकर बैठते हैं तो नेतृत्व की अपार क्षमता उस व्यक्ति को देते हैं.

जेपी नड्डा की कुंडली में राहु सप्तम भाव में है, जिससे पता चलता है कि राहु की पंचम दृष्टि 11वें घर पर है. 11वें घर में बृहस्पति और शनि की युति (योग) है. यानी राहु से शनि को बल मिलता है और राहु की पंचम दृष्टि बृहस्पति के साथ गुरु चांडाल योग बनाती है. इस समय शनि की दशा में 2013 से लेकर अप्रैल 2032 तक रहेगी. जैसा कि हम सभी जानते हैं शनि न्याय के देवता हैं.

मंत्रिमंडल में विशेष पद

इस समय शनि में चंद्रमा की दशा 24 मार्च 2024 से लेकर के 23 अक्टूबर 2025 तक रहेगी. इसका मतलब यह है 2032 तक जेपी नड्डा राजनीति में पूर्णतया सक्रिय रहेंगे. इस दशा में राजनीति के क्षेत्र में वह अच्छी सेवाएं देंगे. उनकी कुंडली में बहुत अच्छे योग हैं. ऐसे में हो सकता है कि वह देश के गृहमंत्री भी बनें या फिर मोदी मंत्रिमंडल में उन्हें कोई विशेष पद सौंपा जाए.

बुध-आदित्य योग

दशम भाव में सूर्य और बुध की युति है, अर्थात सूर्य यहां दिशा वाली होकर के बैठते हैं और बुध आदित्य राजयोग बनाते हैं. इसका मतलब यह है कि जेपी नड्डा राजनीति के क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे. इनमें नेतृत्व की अपार क्षमता रहेगी. चंद्रमा अष्टम भाव में बैठकर उनको कई बार स्वास्थ्य की हानि कर सकते हैं और उनके कई कार्यों में अड़चन डाल सकते हैं. इसलिए जेपी नड्डा को चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए और चंद्रमा से संबंधित दान करने चाहिए. अक्टूबर 2025 तक जेपी नड्डा को स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखना होगा. उनको उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

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