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ये हैं हनुमान जी के वो प्राचीन मंदिर, जहां से भक्त कभी नहीं लौटते खाली हाथ

Famous Temple of Hanuman ji: देश में हनुमान जी के कुछ ऐसे मंदिर हैं, जहां दर्शन करने के बाद हर हनुमान भक्त का मन गदगद हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां से कोई भी हनुमान भक्त खाली नहीं लौटता.

Hanuman mandir

हनुमान मंदिर.

Famous Temple of Hanuman ji: धर्म-शास्त्रों और पुराणों में ज्येष्ठ मास के दौरान हनुमान जी की उपासना का खास महत्व बताया गया है. इस महीने पड़ने वाला बड़ा मंगल हर हनुमान भक्त के लिए खास होता है. ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा 28 मई को यानी आज है. इसके बाद 4, 11 और 18 जून को क्रमशः दूसरा, तीसरा और चौथा बड़ा मंगल पड़ेगा. इस कड़ी में हनुमान जी के ऐसे 7 प्रचीन मंदिर के बार में जानते हैं जहां से भक्त खाली हाथ नहीं लौटते.

हनुमानगढ़ी अयोध्या

अयोध्या, प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली है. यहां का सबसे प्रसिद्ध और प्रचीन हनुमान मंदिर हनुमानगढ़ी के नाम से जाना जाता है. यहां 60 सीढ़ियां चढ़ने के बाद हनुमान जी के दर्शन होते हैं.

मेंहदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान

हनुमान जी का यह प्रचीन मंदिर, राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच मेहंदीपुर नामक जगह है. यह मंदिर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है.

सालासर बालाजी हनुमान

सालासर बालाजी हनुमान मंदिर, राजस्थान के चुरु जिले में स्थित है. जिस जगह पर यह मंदिर स्थित है उसका नाम सालासर है. इसलिए इस मंदिर को सालासर वाले बाला जी के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा दाढ़ी-मूंछ से सुशोभित है. यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है.

डुल्या मारुति हनुमान मंदिर, पुणे (महाराष्ट्र)

हनुमान जी के इस मंदिर की महिमा बड़ी निराली है. पुणे के गणेशपेठ स्थित यह प्रचीन हनुमान मंदिर काफी प्रसिद्ध है. हनुमान जी का यह मंदिर तररीबन 350 साल पुराना बताया जाता है. इस हनुमान मंदिर की खास बात यह है कि यहां हनुमान जी की दाईं ओर श्रीगणेश की मूर्ति भी है.

प्रचीन हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस (दिल्ली)

दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर महाभारत काल का है. कहा जाता है कि यहां स्थित हनुमान जी स्वयंभू हैं. यह प्रचीन हनुमान मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है.

श्री पंचमुख आंजनेयर हनुमान मंदिर (तमिलनाडु)

तमिलनाडु के कुंबकोपम नामक स्थान पर स्थित श्री पंचमुख आंजनेयर मंदिर में हनुमान जी पंचमुख के विग्रह रूप में स्थापित हैं. कहते हैं कि इस मंदिर में हनुमान जी के इस स्वरूप के दर्शन से हर प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि हनुमान जी ने अहिरावण और महिरावण का वध किया था.

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