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महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी के नेता ने ‘गलती से’ फाड़ दी अंबेडकर की तस्वीर, जाने क्या है पूरा मामला

विवाद की शुरुआत हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा घोषित पाठ्यक्रम से हुई है.

NCP (SP) MLA Jitendra Awhad (2)

NCP (SP) MLA Jitendra Awhad (2)

महाराष्ट्र में मनुस्मृति के श्लोकों को राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. यह विवाद तब और बढ़ गया जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति की प्रति जलाते समय गलती से डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर फाड़ दी.

घटना के लिए माफी मांगी

एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में, आव्हाड ने कहा, “कुछ कार्यकर्ता मनुस्मृति (स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने) का विरोध करते हुए पोस्टर लेकर आए थे. उन पर बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर भी थी. बाबासाहेब अंबेडकर की संयुक्त तस्वीर वाला यह पोस्टर अनजाने में मुझसे फाड़ दिया गया. मैं इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगता हूँ.”

मनुस्मृति को शामिल करने पर विवाद

विवाद की शुरुआत हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा घोषित पाठ्यक्रम से हुई है. कक्षा 3 से 12 तक के लिए नए पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के श्लोकों और भगवद गीता के एक अध्याय का पाठ करने की सिफारिश की गई है. इसके बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई और कांग्रेस,एनसीपी, शरद पवार गुट और संभाजी ब्रिगेड ने स्कूलों में मनुस्मृति पढ़ाने का विरोध किया.

पहले भी 1927 में जलाया गया था मनुस्मृति

बुधवार 30 मई को जितेंद्र आव्हाड ने महाड़ में प्राचीन ग्रंथ की एक प्रति जलाकर मनुस्मृति को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का विरोध किया. महाड़ का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यहीं पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने जाति व्यवस्था का विरोध करते हुए 1927 में मनुस्मृति को जलाया था.आव्हाड ने बुधवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार को इस मुद्दे पर इस्तीफा देने की चुनौती दी थी.

इस बीच, एनसीपी के अजित पवार गुट के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मिटकरी ने डॉ. अंबेडकर की तस्वीर फाड़ने के लिए अव्हाड की निंदा की.अजित पवार गुट ने भी ठाणे में अव्हाड का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.

-भारत एक्सप्रेस



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