जगदीश टाइटलर
अदालत अब वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान पुल बंगश में सिखों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के मुद्दे पर मांगे गए स्पष्टीकरण पर सुनवाई 8 जुलाई को करेगी। सुनवाई के दौरान राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल ने जांच अधिकारी से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है कि जो पहले आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उसपर विास किया जाए या नहीं। साथ ही उससे संबंधित आदेश की कॉपी भी मांगी है।
टाइटलर के वकील ने रखा अपना पक्ष
जगदीश टाइटलर के वकील मनु शर्मा ने सीबीआई की दलीलों के खंडन में अपनी दलीलें पूरी कीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दो क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले साल इस मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल के समक्ष जगदीश टाइटलर के वकील ने अपना पक्ष रखा। सीबीआई ने वर्ष 2009 में सह अभियुक्त सुरेश कुमार पैनेवाला के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। उस मामले में अदालत ने पैनेवाला को बरी कर दिया था। वकील शर्मा ने कहा कि वर्ष 1984 के बाद से 2022- 23 तक मामले में कोई गवाह नहीं था। अब गवाह लंबी अवधि के बाद आ रहे हैं, इसलिए उन पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।
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क्या है मामला
यह मामला 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरु द्वारा के सामने तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की कथित हत्या से संबंधित है। इस मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर आरोपी हैं। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों से संबंधित एक मामले में सीबीआई ने 20 मई को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
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