Ghatkopar Hoarding collapse
Mumbai Hoarding Collapsed: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि मानसून का मौसम आ गया है और संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घाटकोपर होर्डिंग दुर्घटना जैसी कोई अप्रिय घटना न हो.
शीर्ष अदालत ने रेलवे की जमीन पर होर्डिंग्स के लिए मुंबई नगर निगम अधिनियम (एमएमसीए) के कुछ प्रावधानों की प्रयोज्यता के संबंध में ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) द्वारा दायर एक आवेदन से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.
मामले की सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने कोर्ट को बताया कि घाटकोपर में होर्डिंग गिरने की घटना से रेलवे का कोई लेना देना नहीं है, क्योंकि होर्डिंग रेलवे की जमीन पर नहीं था.
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याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कही ये बात
बता दें कि एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि सिडको होर्डिंग को लेकर व्यापक और तर्कसंगत नीति बनाने पर विचार करें. वह सीधे-सीधे होर्डिंग को गिराने की बजाय नीति के जरिये उनकी कमियों की पड़ताल करें. हाईकोर्ट में यह याचिका देवांगी आउटडोर एडवरटाइजिंग व अन्य की ओर से दायर की गई थी.
याचिका में क्या कहा गया
याचिका में दावा किया गया है कि घाटकोपर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने किसी को मनमानी कार्रवाई का अधिकार नहीं दिया है. पनवेल इलाके में याचिकाकर्ता की सात होर्डिंग हैं. जिस इलाके में याचिकाकर्ता की होर्डिंग है, वह एयरपोर्ट प्रभावित क्षेत्र में आता है. याचिका में दावा किया गया है कि उनकी होल्डिंग अधिकृत है. उन्होंने जरूरी मंजूरी लेने के बाद होर्डिंग लगाई है, उसके जमीन मालिक से अनुमति ली गई थी. उसके लिए किराये का भुगतान भी किया जा रहा है.
बीते 14 मई को मुंबई के घाटकोपर इलाके में पेट्रोल पंप के ऊपर एक विशाल अवैध होर्डिंग के गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई और 75 लोग घायल हो गए. शहर भर में धूल भरी आंधी के दौरान होर्डिंग गिर गया, क्योंकि जिस खंभे पर यह टिका हुआ था, उसकी नींव कमजोर थी.
-भारत एक्सप्रेस
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