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‘तो क्या अंतिम संस्कार के लिए मंगल ग्रह पर जाना चाहिए’, जानें Bombay High Court को क्यों करनी पड़ी ये टिप्पणी

एक मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि एक मृत व्यक्ति का सम्मानजनक अंतिम संस्कार का अधिकार अन्य मौलिक अधिकारों की तरह ही महत्वपूर्ण है.

Kanjhawala Hit and Run Case

सांकेतिक फोटो

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (10 जून) को मुंबई के पूर्वी उपनगरों के लिए अतिरिक्त कब्रिस्तान की मांग संबंधी एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक मृत व्यक्ति का सम्मानजनक अंतिम संस्कार का अधिकार अन्य मौलिक अधिकारों की तरह ही महत्वपूर्ण है.

अदालत ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि क्या लोगों को दफनाने के लिए ‘मंगल ग्रह पर जाना चाहिए.’ अदालत ने कहा कि नवंबर से लेकर अब तक बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) कब्रिस्तान के लिए जमीन नहीं ढूंढ पाई है.

मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने दो वर्ष से अधिक समय से पूर्वी उपनगरों के लिए अतिरिक्त कब्रिस्तान उपलब्ध कराने में उदासीन रवैये के लिए BMC के प्रति नाराजगी जताई.

सम्मानजनक अंतिम संस्कार

पीठ ने कहा कि मृतकों के सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराना महानगरपालिका का वैधानिक कर्तव्य व दायित्व है और अधिकारी इस संबंध में अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते.

न्यायालय ने कहा, ‘एक मृत व्यक्ति का सभ्य तरीके से और सम्मानजनक अंतिम संस्कार पाने का अधिकार अन्य मौलिक अधिकारों के बराबर ही महत्वपूर्ण है.’

अदालत गोवंडी उपनगर के तीन निवासियों – शमशेर अहमद, अबरार चौधरी और अब्दुल रहमान शाह – की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मुंबई के पूर्वी उपनगरों के लिए अतिरिक्त कब्रिस्तान की मांग की गई है.

तीन स्थान प्रस्तावित 

याचिका में दावा किया गया है कि कब्रिस्तान के लिए तीन प्रस्तावित स्थान हैं- एक देवनार में मौजूदा मैदान के बगल में, दूसरा रफीक नगर (पूर्व में डंपिंग ग्राउंड) के पीछे और तीसरा गोवंडी के मुख्य आबादी केंद्र अनिक गांव से लगभग 8 किमी दूर, जो हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) रिफाइनरी से सटा हुआ है.


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बीएमसी ने पहले अदालत को बताया था कि देवनार मैदान और रफीक नगर क्षेत्र कब्रिस्तान के लिए उपयुक्त नहीं हैं.

इसके बाद पीठ ने चुटकी ली कि क्या लोगों को दफनाने के लिए मंगल ग्रह पर जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा, ‘तो उन्हें मंगल ग्रह पर जाना चाहिए? नवंबर से आप एक भूखंड नहीं ढूंढ पाए हैं. अब मृतक कहां जाएंगे?’

अदालत ने कहा कि वह नियमित रूप से आदेश पारित कर रही है कि इन तीन स्थलों के भूखंडों को कब्रिस्तान के लिए जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए लेकिन बीएमसी के अधिकारियों से अपेक्षित सहयोग नहीं दिख रहा है.

21 जून को होगी अगली सुनवाई

पीठ ने बीएमसी आयुक्त से मामले को व्यक्तिगत रूप से देखने और रफीक नगर के 3 किलोमीटर के दायरे में कब्रिस्तान के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली एक और जमीन खोजने के संबंध में अपने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है.

अदालत ने कहा, ‘हम बीएमसी आयुक्त से अगली सुनवाई के दिन एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को भी कहते हैं, जिसमें इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का संकेत दिया गया हो.’

हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 जून को तय की है.

-भारत एक्सप्रेस



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