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दिल्ली हाईकोर्ट ने DU के लॉ फैकल्टी में बुनियादी सुविधाओं की कथित कमी पर मांगी रिपोर्ट

दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी में शुद्ध पेयजल, वाई-फाई, एसी समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग करते हुए तीन छात्र रौनक खत्री, अंकुर सिंह मावी और उमेश कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.

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फैकल्टी ऑफ लॉ, दिल्ली विश्वविद्यालय (फोटो- सोशल मीडिया)

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी में में शुद्ध पेयजल, वाई-फाई, एयर-कंडीशनिंग और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कथित कमी पर रिपोर्ट मांगी है. न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने अधिवक्ता राजेश मिश्रा को इस मुद्दे की जांच और समाधान में मदद के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया है.

एक सप्ताह में आयोजित करें बैठक

न्यायमूर्ति ने विविद्यालय के छात्र कल्याण के डीन, लॉ फैकल्टी के डीन, याचिकाकर्ता अधिवक्ता अंकुर सिंह मावी एवं न्यायमित्र से वाटर कूलर या शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ वाई-फाई सेवाओं की उपलब्धता सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे पर एक सप्ताह में बैठक आयोजित करने को कहा है. साथ ही डीयू से इसके लिए सभी हितधारकों के साथ सहयोग करने एवं सुविधाओं पर अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

4 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

न्यायमूर्ति से पेयजल की पहले से दी जा रही सुविधाओं को बनाए रखने को कहा है. कोर्ट 4 जुलाई के अगला सुनवाई करेगा. कोर्ट ने इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को भी प्रतिवादी बनाया है. लॉ फैकल्टी में बुनियादी सुविधाओं की मांग करते हुए तीन छात्र रौनक खत्री, अंकुर सिंह मावी और उमेश कुमार ने याचिका दाखिल की है.

उन्होंने कहा है कि कक्षाओं में एयर कंडीशनिंग की सुविधा नहीं रहने से पढ़ाई में काफी दिक्कत हो रही है. खासकर गर्मिंयों के महीनों के दौरान जब दिल्ली में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. जबकि यही सुविधा प्रशासनिक कार्यालय एवं कर्मचारियों के कमरों में उपलब्ध है. इसके अलावा टिन की छतों और एस्बेस्टस-लाइन वाली दीवारों आदि से तीसरे बिल्डिंग में काफी गर्मी रहती है. उसमें ठहरना तक मुश्किल हो जाता है. इस वजह से एक याचिकाकर्ता सहित कई छात्रों लू के शिकार हो गए और बेहोश हो गए.

लॉ फैकल्टी में है 5 हजार छात्र

याचिकाकर्ता ने कहा कि लॉ फैकल्टी में लगभग पांच हजार छात्र हैं. इन छात्रों को पेयजल मुहैया कराने के लिए मात्र चार वाटर कूलर हैं. पीने के पानी की स्थिति इतनी खराब है कि छात्रों को कैंपस से पानी पीने की वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्हें बोतलबंद पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है. उसपर होने वाला खर्च उसके फीस का तीन गुणा है. वाई-फाई के नहीं रहने से छात्रों को शैक्षणिक संसाधनों तक पहुचने में मुश्किल होता है.

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-भारत एक्सप्रेस

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