Bharat Express

Swati Maliwal Assault Case: बिभव कुमार की याचिका सुनवाई योग्य, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

विभव कुमार ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में विभव कुमार ने जमानत की मांग करते हुए कहा है कि मेरी गिरफ्तारी अवैध है.

Swati Maliwal assault case

Swati Maliwal assault case

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और दिल्ली के पूर्व महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोप में गिरफ्तार विभव कुमार की ओर से दायर याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वही हाई कोर्ट ने विभव की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है. कोर्ट ने कहा कि विभव की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश आने के बाद ज़मानत पर सुनवाई की जाएगी.

हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता स्वाति मालीवाल को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है. कोर्ट 8 जुलाई को जमानत याचिका पर अगली सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में विभव कुमार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि इस मामले में जांच अधिकारी को यह देखना चाहिए था कि उसमें गिरफ्तारी की जरूरत है या नही, उन्हें गिरफ्तार की जरूरत है या नही, उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा था कि अर्नेश कुमार के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है.

गिरफ्तारी के आधार को लिखित में दर्ज करना होगा

विभव के वकील ने कहा था कि गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तारी के आधार और वजह आरोपी को नही बताया गया. गिरफ्तारी के आधार को लिखित में दर्ज करना होगा. अपराध प्रक्रिया की धारा 41 A के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है. विभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए मुआवजे की मांग की है. कहा है कि गिरफ्तार करते समय अपराध प्रक्रिया की धारा 41 A का पालन नहीं किया गया है. विभव कुमार फिलहाल पुलिस हिरासत में है. घटना 13 मई की है. दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज किया था.

याचिका सुनवाई योग्य नही है-दिल्ली पुलिस

हालांकि दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय जैन ने कहा था कि उनकी याचिका सुनवाई योग्य नही है. अभियुक्त ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष गिरफ्तारी के दिशानिर्देशों का पालन न करने का तर्क दिया और इसके लिए एक अलग आवेदन दायर किया गया था, जिसपर मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुचे की आकस्मिक गिरफ्तारी के कारणों का उल्लेख किया गया था और इसलिए क्योंकि, 20 मई को एक आदेश दिया गया था. पारित हो गया है और इसका उल्लेख यहां नही किया गया है और इसे गंभीरता से लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: नए आपराधिक कानून के तहत दिल्ली में दर्ज हुआ पहला केस, जानें किस पर क्या लगा है आरोप? आज से लागू हैं तीनो लॉ, ये हुए बड़े बदलाव

गिरफ्तारी को चुनौती

बता दें कि विभव कुमार ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में विभव कुमार ने जमानत की मांग करते हुए कहा है कि मेरी गिरफ्तारी अवैध है. विभव ने कहा है कि मुझे जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया है. उन्होंने जबरन कस्टडी में रखने के लिए मुआवजे की भी मांग की है.

विभव कुमार के खिलाफ आरोप है कि उसने 13 मई को मुख्यमंत्री केजरीवाल के सरकारी आवास पर मालीवाल पर हमला किया था. उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने कुमार को 7 जून को जमानत देने से इनकार कर दिया था. उसने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं. ऐसी आशंका है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. बिभव कुमार की पहली जमानत याचिका 27 मई को एक अन्य सत्र अदालत ने खारिज कर दी थी. उनके खिलाफ प्राथमिकी 16 मई को दर्ज की गई थी.

-भारत एक्सप्रेस 



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read